कच्ची शराब ने लिया बाप-बेटे के रिश्ते का खून, घर के आंगन में बुझी जिंदगी की आखिरी लौ

मोहनपुर नंबर एक गांव की स्याह सुबह उस वक्त मातम में तब्दील हो गई, जब गरीबी में अपने परिवार को पालने वाला एक मेहनतकश पिता…

IMG 20250718 160735

मोहनपुर नंबर एक गांव की स्याह सुबह उस वक्त मातम में तब्दील हो गई, जब गरीबी में अपने परिवार को पालने वाला एक मेहनतकश पिता अपने ही बेटे के हाथों मौत का शिकार हो गया। गुरुपद नाम के इस व्यक्ति ने तंगी और मुश्किलों के बीच भी तीन बेटों और दो बेटियों को पाला, लेकिन बुधवार रात शराब के नशे में पिता-पुत्र के बीच ऐसा विवाद हुआ कि सब कुछ बिखर गया। बेटे ने रात में अपने पिता को फोन कर गांव में झगड़े की बात बताई थी। जब गुरुपद वहां पहुंचा तो देखा कि गलती बेटे की ही थी। पिता ने उसे डांटा और गुस्से में थप्पड़ जड़ दिया। इसी बात से नाराज बेटा घर पहुंचा और वहां दोनों के बीच दोबारा बहस शुरू हो गई। नशे में धुत दोनों ने आपा खो दिया। तभी बेटे के हाथ में मौजूद कुल्हाड़ी का वार पिता के गर्दन और सिर पर गहराई से लग गया। यह वार जानलेवा साबित हुआ और गुरुपद वहीं ढेर हो गया।

घटना के बाद जब सुबह ग्रामीणों को इस दुखद खबर की जानकारी मिली तो पूरे गांव में सनसनी फैल गई। लोग दौड़ते हुए गुरुपद के घर पहुंचे तो वहां का मंजर दिल दहला देने वाला था। घर के बाहर सड़क किनारे खून से लथपथ जमीन, अंदर पत्नी माधुरी विश्वास और बेटियों का बिलखना, पूरे माहौल को शोक में डुबो चुका था। माधुरी विश्वास रोते हुए कहती रही कि उसकी तो दुनिया ही उजड़ गई। पति चला गया और बेटा जिसने उसके सुहाग को छीना, उसकी भी जिंदगी खत्म हो गई। वह किसे दोषी ठहराए? अपनी ही कोख से जन्मे बेटे को? या उस शराब को जिसने उसकी पूरी जिंदगी तबाह कर दी? मृतक की विवाहित बेटी ने भी रोते हुए कहा कि उसका भाई पिता को मारना नहीं चाहता था, लेकिन नशे और गुस्से में उठे उस एक वार ने सब कुछ खत्म कर दिया। ग्रामीणों की मानें तो दोनों उस रात शराब के नशे में थे और उस वक्त कोई भी बीच-बचाव करने वाला नहीं था, जिससे यह टल सकता। अब गांव में सिर्फ एक ही चर्चा है—किसे दोष दें, नशे को या हालात को, जिसने एक पूरे परिवार की किस्मत को खून से रंग दिया।