पिथौरागढ़ सड़क हादसे पर पीएम मोदी ने जताया गहरा दुख, मृतकों के परिजनों को राहत राशि देने का ऐलान

पिथौरागढ़ जिले में मंगलवार शाम एक भयानक हादसा हुआ। थल-पिथौरागढ़ मोटर मार्ग पर मुवानी के पास एक मैक्स गाड़ी जो बोकटा जा रही थी अचानक…

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पिथौरागढ़ जिले में मंगलवार शाम एक भयानक हादसा हुआ। थल-पिथौरागढ़ मोटर मार्ग पर मुवानी के पास एक मैक्स गाड़ी जो बोकटा जा रही थी अचानक सूनी पुल से फिसलकर करीब सौ फीट नीचे गहरी नदी में जा गिरी। इस दर्दनाक हादसे में आठ लोगों की जान चली गई। छह लोग बुरी तरह घायल हो गए हैं। हादसे के बाद इलाके में कोहराम मच गया।

जिस वक्त ये गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई उसमें कुल चौदह लोग सवार थे। मुवानी से थोड़ा आगे भंडारीगांव के पास पुल पार करते वक्त ड्राइवर का वाहन पर से संतुलन बिगड़ गया और गाड़ी खाई में गिरती चली गई। मौके पर ही छह लोगों की मौत हो गई थी जबकि आठ घायलों को मुवानी के अस्पताल ले जाया गया। वहां दो और लोगों ने दम तोड़ दिया। मरने वालों में आठ साल की एक बच्ची और वाहन का ड्राइवर भी शामिल है।

हादसे की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। राहत और बचाव का काम तेज़ी से शुरू किया गया। गंभीर रूप से घायल छह लोगों को पिथौरागढ़ जिला अस्पताल रेफर किया गया है। वहीं घटना से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है।

इस हादसे की खबर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक भी पहुंची। उन्होंने पिथौरागढ़ सड़क हादसे पर गहरा दुख जताया है। सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के जल्द ठीक होने की कामना की। साथ ही प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिवार को दो लाख रुपये और घायलों को पचास हजार रुपये देने की घोषणा की।

प्रधानमंत्री की ओर से जताई गई संवेदना और सहायता को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इस कठिन घड़ी में केंद्र सरकार द्वारा किया गया सहयोग पीड़ित परिवारों को कुछ राहत देगा। राज्य सरकार की ओर से भी मृतकों के परिवार को दो लाख और घायलों को पचास हजार रुपये की मदद दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि सरकार शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़ी है और हर संभव सहायता दी जाएगी।

इस हादसे में जिन लोगों की जान गई उनमें बोकटा गांव की आठ साल की सिमरन भी शामिल है। इसके अलावा पंद्रह साल की तनुजा और चौदह साल की विनीता भी हादसे का शिकार हो गईं। गाड़ी चला रहे नरेंद्र सिंह की भी मौके पर ही मौत हो गई। गांव के राजेंद्र सिंह जो साठ साल के थे और होशियार सिंह जो पैंसठ साल के थे वो भी इस दर्दनाक हादसे का हिस्सा बन गए। इसके साथ ही पचास साल की शांति देवी और अट्ठाईस साल की दिकभा भी इस दुनिया को अलविदा कह गईं।

घायलों में योगेश कुमार श्याम सिंह कल्याण सिंह सुमित सिंह पूजा और बीस साल की विनीता शामिल हैं। सभी घायलों का इलाज पिथौरागढ़ जिला अस्पताल में चल रहा है और कुछ की हालत नाजुक बनी हुई है।

पूरा गांव इस हादसे से हिला हुआ है। हर आंख नम है। परिवारों का रो रो कर बुरा हाल है। जिस रास्ते से रोज लोग गुजरा करते थे वहीं आज इतने लोगों की जिंदगी थम गई। स्थानीय लोग कह रहे हैं कि सड़क की हालत भी ठीक नहीं थी और पुल पर कोई मजबूत सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी। हादसे के बाद से ही लोगों में आक्रोश भी है और दुख भी।

सरकारी स्तर पर राहत और सहायता का ऐलान तो हो गया है लेकिन जो लोग इस हादसे में अपनों को खो चुके हैं उनके लिए ये जख्म शायद कभी नहीं भर पाएंगे।