11 लड़कियों के लिए आए 1900 दूल्हो के आवेदन, लड़कों की लगी लाइन, ऐसे फाइनल किए गए दूल्हे

सिर्फ 11 लड़कियों की शादी के लिए 10, 20 नहीं बल्कि पूरे 1900 लड़कों का इंटरव्यू लिया गया। जी हां आप एकदम सही सुन रहे…

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सिर्फ 11 लड़कियों की शादी के लिए 10, 20 नहीं बल्कि पूरे 1900 लड़कों का इंटरव्यू लिया गया। जी हां आप एकदम सही सुन रहे हैं। यह मामला राजस्थान का है यहां पर 11 लड़कियों की शादी करने के लिए 1900 लड़कों का पहला इंटरव्यू लिया गया।

उनका बैकग्राउंड चेक किया गया। इसके बाद उनके परिवार का वेरिफिकेशन किया गया और उनकी सैलरी का दावा भी चेक किया गया। इसके बाद उन लड़कों में से 11 लोगों को चुना गया जिनके साथ लड़कियों की खुशी-खुशी शादी कराई गई।


आईए जानते क्या है पूरा मामला
राज्य सरकार की पहल पर राज्य की अपेक्षित, उत्पीड़ित और असहाय युवतियों की जिंदगी को संवारने के लिए यह भव्य आयोजन किया गया, जहां पर राजस्थान के कई जिलों से लड़कों ने आवेदन दिया। निकाह के लिए जयपुर, डीडवाना, झुंझनूं, कोटा और बारां जैसों जिलों से 1900 लड़के दूल्हा बनने की ख्वाहिश लेकर आए। इन सभी ने दूल्हा बनने की दावेदारी में हिस्सा लिया।


शादी की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए सबसे पहले आवेदन मंगवाए गए थे। आवेदन आने के बाद उन सभी उम्मीदवारों का इंटरव्यू हुआ। इसके बाद इन सभी के घर परिवार की तलाश की गई। पड़ोसियों से इनका फीडबैक लिया गया। नौकरी और कमाई के जरिए की जांच भी की गई और फिर 11 सबसे परफेक्ट लड़कों के साथ इनका निकाह किया गया।


सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की टीम ने महीनों तक जांच पड़ताल की फिर जाकर सिर्फ 11 लड़के काबिल समझे गए और उनके साथ इन महिलाओं का निकाह तय किया गया। प्रोसेस के दौरान दूल्हे के कैरेक्टर और कमिटमेंट की भी जांच की गई। दूल्हा बनने के लिए जो आवेदन आये थे उनमें से जयपुर से सबसे ज्यादा यानी 6 दूल्हे सिलेक्ट हुए हैं। वहीं डीडवाना-कुचामन से 2, झुंझनूं, कोटा और बारां से 1-1 का सिलेक्शन हुआ था।


सामाजिक रूप से उत्पीड़ित और उपेक्षित युवतियों को सरकार और सामाजिक संस्थाओं की ओर से एक नया जीवन देने की कोशिश की जाती है ताकि उनके दुख भरे जीवन में सामान्य परिवारों वाली खुशियां शामिल हो सकें। राज्य सरकार इस कार्यक्रम को ‘जीवन पुनर्वास’ नाम देती है।