व्हाट्सएप जो अब तक फ्री मैसेजिंग के लिए जाना जाता था। अब अपने बिजनेस यूज करने वालों के लिए नए नियम लेकर आया है। और यह बदलाव छोटे बड़े सभी व्यापारियों को सीधे तौर पर प्रभावित करने वाला है। मेटा जो इस ऐप की मालिक कंपनी है। उसने जानकारी दी है कि एक जुलाई से बिजनेस अकाउंट्स पर मैसेज भेजने का तरीका पूरी तरह से बदल जाएगा। अब हर बार भेजे जाने वाले मैसेज का पैसा देना होगा। और यह पैसा इस बात पर निर्भर करेगा कि मैसेज किस तरह का है। कहां भेजा जा रहा है। और कितनी बार भेजा गया है।
पहले व्हाट्सएप पर बातचीत की एक तय समय सीमा होती थी। और उस दौरान चाहे जितने मैसेज भेजो। एक ही बार चार्ज लगता था। लेकिन अब से हर टेम्पलेट मैसेज पर अलग से चार्ज लगेगा। यानि अब एक एक मैसेज का हिसाब रखा जाएगा। इस नए सिस्टम से उन लोगों पर सीधा असर पड़ेगा जो ग्राहकों को ऑफर भेजते हैं। ऑर्डर की जानकारी देते हैं। या फिर ओटीपी जैसे संदेश भेजते हैं।
मेटा ने इन संदेशों को तीन हिस्सों में बांट दिया है। पहला है प्रमोशन वाले मैसेज। दूसरा है जानकारी वाले जैसे कि डिलीवरी या बुकिंग की पुष्टि। और तीसरा है सिक्योरिटी से जुड़ा जैसे ओटीपी। अब हर तरह के मैसेज का अलग दाम तय होगा। और उसी के हिसाब से भुगतान करना पड़ेगा। इससे छोटे व्यापारियों को अपनी मैसेजिंग रणनीति को नए सिरे से सोचना पड़ेगा।
हालांकि मेटा ने कुछ राहत भी दी है। अगर कोई ग्राहक खुद बात शुरू करता है। तो बिजनेस उस ग्राहक को चौबीस घंटे तक बिना किसी चार्ज के मैसेज भेज सकता है। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति फेसबुक या व्हाट्सएप के विज्ञापन पर क्लिक करके चैट शुरू करता है। तो व्यापारियों को बहत्तर घंटे तक फ्री मैसेज भेजने की सुविधा मिलेगी। यह छूट खासतौर पर उन व्यापारियों के लिए फायदेमंद है जो डिजिटल मार्केटिंग पर काम करते हैं।
मेटा ने बड़े व्यापारियों के लिए वॉल्यूम डिस्काउंट की भी योजना लाई है। अगर कोई कंपनी महीने में तीस लाख से ज्यादा ओटीपी वाले मैसेज भेजती है। तो पहले ढाई लाख मैसेज पर पूरा चार्ज देना होगा। लेकिन उसके बाद की गिनती पर क्रमशः पांच दस और पंद्रह फीसदी की छूट मिलेगी। इस स्कीम से बड़े व्यापारियों को कुछ राहत जरूर मिलेगी। लेकिन मेटा ने पहले की तरह हर महीने मिलने वाले हजार मुफ्त सर्विस मैसेज की सुविधा अब खत्म कर दी है। जो छोटे व्यापारियों के लिए एक झटका है।
इस बदलाव का सीधा असर छोटे व्यापारियों पर पड़ने वाला है। क्योंकि अब उन्हें हर मैसेज के लिए चार्ज देना होगा। जिससे उनका खर्च बढ़ जाएगा। जानकारों का कहना है कि अब इन व्यापारियों को मैसेज भेजने से पहले सोचना होगा। और अपनी रणनीति को ज्यादा सोच समझकर बनाना पड़ेगा। वहीं बड़े ब्रांड जो बड़ी संख्या में मैसेज भेजते हैं। वे इस नए सिस्टम में भी अपना फायदा निकाल सकते हैं।
