प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम के 123वें एपिसोड में देश को एक अहम उपलब्धि की जानकारी दी है जो स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत के प्रयासों की बड़ी जीत मानी जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने भारत को ट्रेकोमा फ्री घोषित कर दिया है। उन्होंने बताया कि एक वक्त था जब यह बीमारी देश के कई हिस्सों में आम थी और अगर इसका इलाज समय पर न हो तो यह आंखों की रोशनी तक छीन सकती थी। उन्होंने कहा कि देश ने इस बीमारी को जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया था और अब उस लक्ष्य को हासिल कर लिया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस सफलता के पीछे उन लाखों लोगों की मेहनत है जो लगातार ट्रेकोमा जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ते रहे। उन्होंने यह भी बताया कि इस काम में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ साथ स्वच्छ भारत अभियान और जल जीवन मिशन की भी बड़ी भूमिका रही। डब्ल्यूएचओ ने भी भारत की इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा है कि भारत ने न केवल बीमारी से निपटा बल्कि इसके पीछे की असल वजहों जैसे अस्वच्छता और गंदगी को भी दूर किया।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने ट्रेकोमा को लेकर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह बीमारी एक बैक्टीरियल संक्रमण है जो क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस नामक जीवाणु से होता है और यह आंखों पर असर करता है। ट्रेकोमा संक्रमित व्यक्ति के आंखों नाक या गले के स्राव के संपर्क में आने से फैलता है। यहां तक कि अगर कोई संक्रमित व्यक्ति का रूमाल या तौलिया इस्तेमाल कर ले तो उससे भी संक्रमण का खतरा हो सकता है। यह बीमारी शुरू में आंखों में हल्की खुजली और जलन से शुरू होती है और अगर समय पर इलाज न मिले तो यह पलकों में सूजन और आंखों से मवाद निकलने जैसी समस्या पैदा कर सकती है। गंभीर मामलों में यह स्थायी रूप से आंखों की रोशनी तक छीन सकती है।
इस बीमारी का सबसे अधिक खतरा पांच साल से कम उम्र के बच्चों में देखा गया है। जिन इलाकों में साफ पानी की कमी है और स्वच्छता के हालात खराब हैं वहां यह बीमारी ज्यादा तेजी से फैलती है। महिलाओं में इस बीमारी के मामले पुरुषों के मुकाबले कई गुना ज्यादा पाए गए हैं। मक्खियों की अधिकता भी इस बीमारी को फैलाने में बड़ी भूमिका निभाती है। जिन इलाकों में गंदगी होती है वहां मक्खियां ज्यादा होती हैं और वहीं पर संक्रमण का खतरा भी सबसे ज्यादा होता है।
ट्रेकोमा का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है और अगर संक्रमण गंभीर हो जाए तो कुछ मामलों में सर्जरी की जरूरत भी पड़ सकती है। दुनिया के अलग अलग हिस्सों में यह बीमारी अब भी मौजूद है लेकिन भारत ने इसे पूरी तरह खत्म कर दिया है। इस सफलता के साथ भारत उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो गया है जिन्होंने इस बीमारी को जड़ से मिटा दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये सिर्फ एक मेडिकल उपलब्धि नहीं बल्कि एक सामूहिक संकल्प का नतीजा है। उन्होंने कहा कि भारत ने दिखा दिया है कि अगर ठान लिया जाए तो किसी भी बीमारी को हराया जा सकता है। यह उपलब्धि न सिर्फ स्वास्थ्य व्यवस्था की ताकत को दर्शाती है बल्कि साफ सफाई और जन जागरूकता के महत्व को भी सामने लाती है।
