रेलवे फाटक लोहिया पर उस समय बड़ा हादसा होते होते बच गया जब रेलगाड़ी अचानक आ गयी लेकिन फाटक खुला हुआ था। रेलगाड़ी के ड्राइवर ने अचानक गाड़ी पर ब्रेक लगाया जिसकी वजह से रेलगाड़ी फाटक के पीछे ही रुक गई।
बताया जा रहा है की रेलगाड़ी रोकने के बाद ड्राइवर और गाड़ी का गार्ड जब गाड़ी से उतरे तो सीधे गेटमैन के कमरे में पहुंचे और देखा कि गेटमैन आराम से सो रहा था।
जब उन्होंने गेटमैन को उठाने की कोशिश की तो वो नहीं उठा। इस पर ड्राइवर और गार्ड ने खुद फाटक को बंद किया लेकिन गेटमैन तब भी नहीं उठा फाटक बंद करने के बाद ड्राइवर और गार्ड गाड़ी में सवारी हो गए और गाड़ी को रेलवे स्टेशन लोहिया की तरफ रवाना किया।
इस दौरान ड्राइवर के दोबारा फाटक बंद करने के दौरान कई दो पहिया वाहन फाटक के अंदर ही फंस गए लेकिन ड्राइवर रेलगाड़ी को ले कर चला गया। इस के बाद जब आम लोगों ने गेटमैन को उठाया तो उस ने गलती मानने से इंकार कर दिया।
इस दौरान आम लोगों की गेटमैन से कहासुनी हुई लेकिन वह अपनी बात पर अड़ा रहा।
बताया जा रहा है कि पिछले महीने भी इसी गेटमैन की गलती के कारण घंटो फाटक बंद रहा था। गेटमैन ने शराब की हालत में फाटक बंद कर लोगों को घंटों कड़ी धूप में खड़ा रहने को मजबूर कर दिया था।
बाद में इस शराबी गेटमन को बदल कर दूसरा गेट लगाया था और फिर फाटक को खोला था। बाद में इस गेटमैन को फ़िरोज़पुर बदल दिया गया था लेकिन आज फिर इसी गेटमैन को इसी रेलवे फाटक पर लगा दिया और उसने फिर हादसे को बुलवा दे दिया।
