अल्मोड़ा: छात्र नेता और विधि छात्र गोपाल मोहन भट्ट ने उन सहित अन्य छात्रों पर मुकदमादर्ज कराए जाने को विधि संकाय प्रशासन की शह पर दमनात्मक कार्यवाही बताते हुए छात्र हितों के लिए संघर्ष जारी रखने का ऐलान किया है।
उन्होंने कहा कि छात्रों की मांग थी कक्षाएं नियमित हो जो नहीं हो रही है, उपस्थिति रजिस्टर को सार्वजनिक किया जाए।
उन्होंने कहा कि लगातार अनुपस्थित रहने के बाद भी प्रोफेसर एक दिन आके अपनी उपस्थिति लगा रहे हैं इसके लिए बायो मीट्रिक लगाने की बात कई थी पर गलती सुधारने के बजाय षड्यंत्र कर मुकदमा दर्ज करवाना अनुचित हैं ।
कहा कि इन्होंने षड्यंत्र के तहत छात्रों का दमन करने का काम किया हैं जो अनुचित हैं । छात्रों समस्याओं का समाधान करने के बजाय उन पर झूठे मुकदमे में फंसाया जा रहा है।
गोपाल भट्ट ने कहा कि साँच को आँच नहीं छात्र हितों में आवाज उठाने पर छात्रों पर मुकदमा दर्ज किया गया हैं ये पहली बार पूरे इतिहास में हो रहा है इतना किसका दवाब बिना जांच के मुकदमा लिखते जा रहे हैं जबकि जांच समिति और अन्य जांच विश्व विद्यालय स्तर पर लंबित हैं विश्वविद्यालय खुद ऐसे मामलों दबाकर बैठा है।
कहा कि महिला जांच समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर गलत लोगों पर कार्यवाही हो।कहा कि वह जांच का पूरा सहयोग करेंगे।
उन्होंने कहा कि छात्रों ने आवाज उठाई तो कुछ लोगों को आगे करके FIR करवाने का काम किया हैं न छात्र पहले डरे थे ना अब डरने वाले हैं।
छात्रों शिक्षकों के बीच ये कोई पहला मामला नहीं हैं लेकिन जिस प्रकार ये छात्रों का दमन करने का काम कर रहे हैं अनुचित हैं । कहा कि हम निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं हमे भरोसा है सभी जांच समितियों पर।
कहा कि महिला जाँच समिति अपना काम कर रही हैं जल्द ही वह इस पूरे मामले पर अपना पक्ष सार्वजनिक करेंगे।
