मानसून की दस्तक के बीच शुरू होंगे पंचायत चुनाव, संवेदनशील इलाकों से होगी शुरुआत

प्रदेश में अब बारिश ने पूरी तरह से पैर जमा लिए हैं। इसी बीच पंचायत चुनाव की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। जिन इलाकों…

IMG 20250622 131210

प्रदेश में अब बारिश ने पूरी तरह से पैर जमा लिए हैं। इसी बीच पंचायत चुनाव की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। जिन इलाकों में सबसे ज्यादा बारिश होती है उन्हें पहले चरण के मतदान में रखा गया है। ये वो जगहें हैं जहां बरसात के मौसम में रास्ते बंद हो जाते हैं और लोगों को आने जाने में मुश्किल होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए आयोग ने मतदान से पहले मौसम और आपदा को लेकर पूरी रणनीति बना ली है।

राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि प्रदेश के बारह जिलों के उन उनतालीस ब्लॉकों को चिह्नित किया गया है जहां हर साल भारी बरसात होती है। मौसम विभाग से शुरुआती बातचीत में यह बात सामने आई है कि जुलाई के पहले दो हफ्ते में बारिश धीमी रहती है। लेकिन फिर भी आयोग ने मौसम विभाग से हर मतदान वाले दिन की जानकारी मांग ली है।

आयोग ने तय किया है कि मतदान की प्रक्रिया बारिश से प्रभावित ना हो इसके लिए पहले से ही आपदा प्रबंधन विभाग के साथ बैठक की जाएगी। सभी पोलिंग पार्टियों को सुरक्षित पहुंचाना और वापसी कराना इसकी जिम्मेदारी होगी। अगर जरूरत पड़ी तो हेलिकॉप्टर की मदद ली जाएगी। सभी जिलाधिकारियों को अपने अपने जिले की आपदा योजना बनाने को कहा गया है और रविवार को इस पर ऑनलाइन बैठक भी बुलाई गई है।

निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि सभी जिले अपने यहां आकस्मिक योजना तैयार करेंगे। इसमें रास्तों की हालत पोलिंग बूथ कहां होंगे कर्मचारी और सामान की सुरक्षा कैसे होगी अचानक कोई दिक्कत हो तो क्या उपाय किया जाएगा ये सब तय किया जाएगा। इसके अलावा हर पोलिंग टीम को फर्स्ट एड किट दी जाएगी। ब्लॉक स्तर पर डॉक्टर दवाएं और एंबुलेंस की व्यवस्था रहेगी।

अगर किसी कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान जान चली जाती है तो उसके परिवार को दस लाख रुपये की मदद दी जाएगी। इसका प्रस्ताव सरकार को भेजा जा चुका है।