12 जून को अहमदाबाद में हुए बड़े विमान हादसे के बाद सरकार ने एयरपोर्ट के पास खतरनाक ऊंचाई वाली इमारत और पेड़ों पर सख्ती के लिए नया ड्राफ्ट नियम जारी किया है।
इस नियम के तहत इमारत तोड़ने या गिरने तक की कार्यवाही हो सकती है। केंद्र सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक नया ड्राफ्ट नियम जारी किया है, जो Aircraft (Demolition of Obstructions) Rules, 2025 नाम से है।
इसका मकसद सिर्फ इतना है कि एयरपोर्ट के आसपास अगर कोई इमारत पेड़ या कोई ढांचा से ऊंचाई से ऊपर है और विमान की उड़ान में बाधा बन रहा है तो उसे पर सख्त कार्रवाई की जाएगी चलिए जानते हैं नए नियम
इस नए नियम में अगर एयरपोर्ट अधिकारी को जांच में यह लगता है कि कोई इमारत या ढांचा से ऊंचाई से ऊपर है तो उसके मालिक को नोटिस भेजा जाएगा और मालिक को 60 दिन के अंदर उस ढांचे से जुड़ी सारी जानकारी देनी होगी, जैसे साइट प्लान और उसकी ऊंचाई कितनी है।
अगर मलिक जानकारी नहीं देता है नियमों को नहीं मानता है तो इमारत को पूरी तरह या उसका अतिरिक्त हिस्सा गिरा दिया जाएगा
नियम के मुताबिक, एयरपोर्ट प्रभारी को यह अधिकार धारा 18(1) के तहत मिलेगा, ताकि वह बिना देरी के कार्रवाई कर सके।
अगर इमारत का मालिक नियमों का पालन करता है तो उसे मुआवजा दिया जाएगा। ये मुआवजा भारतीय वायुयान अधिनियम 2024 के तहत दिया जाएगा लेकिन अगर नोटिस आने के बाद बिना इजाजत कोई नया निर्माण किया गया तो मुआवजा नहीं मिलेगा
हालांकि अगर किसी को दिए गए आदेश से आपत्ति है, तो वह First Appellate Officer या Second Appellate Officer के पास अपील कर सकता है। इसके लिए तय फॉर्म, जरूरी दस्तावेज और 1,000 रुपये फीस जमा करनी होगी। लेकिन मुआवजे का दावा वही कर सकेगा जो आदेशों का पालन करेगा।
इस नियम में एयरपोर्ट अधिकारी पहले से नोटिस देखकर किसी भी इमारत या जग की जांच कर सकता है।
अगर मलिक जांच में सहयोग नहीं करेगा तो मामला DGCA यानी Directorate General of Civil Aviation को भेजा जाएगा। अगर किसी ढांचे ने बार-बार नियमों की अनदेखी की, तो जिला कलेक्टर उसके खिलाफ सख्त कदम उठाएगा, जैसे पेड़ काटना या इमारत को गिराना।
हालांकि इस पर कानून बनाने से पहले सरकार ने इस ड्राफ्ट पर जनता से भी राय मांगी है, जिसके लिए लोग 20 दिनों के अंदर DGCA को अपने सुझाव या आपत्तियां भेज सकते हैं. इससे पहले कि नियम लागू किए जाएं, सभी पक्षों की बात सुनी जाएगी।
