रामलला का दरबार हुआ स्वर्णिम, मंदिर के गुंबद पर चढ़ी सोने की परत

अयोध्या से बड़ी खबर सामने आई है जहां राम मंदिर का मुख्य शिखर अब पूरी तरह सोने से चमकने लगा है। सोमवार को मंदिर के…

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अयोध्या से बड़ी खबर सामने आई है जहां राम मंदिर का मुख्य शिखर अब पूरी तरह सोने से चमकने लगा है। सोमवार को मंदिर के गुंबद पर सोने की परत चढ़ाने का काम पूरा कर लिया गया है। ये काम विशेषज्ञों की निगरानी में किया गया ताकि मंदिर की भव्यता और बढ़ सके। अब दूर से ही मंदिर की चमक सबका ध्यान खींच रही है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से जानकारी दी गई थी कि 14 अप्रैल 2025 को राम मंदिर के गर्भगृह के ऊपर कलश की स्थापना की गई थी। उसी के बाद से शिखर पर सोना चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी जो अब पूरी हो गई है।

इस बीच मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम भी होने जा रहा है। तीन जून से पांच जून तक तीन दिवसीय धार्मिक आयोजन रखा गया है। बताया गया है कि तीन और चार जून को सुबह साढ़े छह बजे से शाम साढ़े छह बजे तक पूजा पाठ और मंत्रोच्चार होंगे। पांच जून को दोपहर एक बजे तक ये अनुष्ठान पूरे कर लिए जाएंगे। आयोजन की शुरुआत पहले ही तीस मई से हो चुकी है। उस दिन मंदिर परिसर में स्थित एक स्थान पर शिवलिंग की स्थापना की गई थी।

काशी और अयोध्या से कुल 101 वैदिक विद्वान इस पूरे कार्यक्रम की अगुवाई कर रहे हैं। वे यज्ञशाला में पूजा करेंगे। रामायण का पाठ होगा। चारों वेदों का पाठ किया जाएगा और पारंपरिक विधियों से देवताओं का आह्वान किया जाएगा। सभी मूर्तियों को दो फुट ऊंचे संगमरमर के विशेष आसनों पर प्रतिष्ठित किया जाएगा। जिन मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा होनी है उनमें मुख्य परिसर में बने छह मंदिर शामिल हैं। ये भगवान शिव। सूर्य। गणेश। हनुमान। देवी भगवती और अन्नपूर्णा को समर्पित हैं।

इसके अलावा सप्त मंडपम क्षेत्र में बने सात और मंदिरों में भी मूर्तियों की स्थापना होगी। इनमें ऋषि वशिष्ठ। वाल्मीकि। अगस्त्य। विश्वामित्र। अहिल्या। शबरी और निषादराज की आकृतियां प्रतिष्ठित की जाएंगी। वहीं शेषावतार मंदिर में लक्ष्मण जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। राम मंदिर का मुख्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पहले ही 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में संपन्न हो चुका है।

राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने जानकारी दी है कि मंदिर परिसर में बाकी का निर्माण कार्य सितंबर या अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा। सप्त मंदिर पहले से ही तैयार हो चुके हैं और वहां ऋषियों की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। मिश्रा ने कहा था कि ये निर्माण कार्य देश की आस्था। भव्यता। संस्कृति और आत्मगौरव का प्रतीक बनकर उभर रहा है।