43 साल जेल में रहने के बाद 104 वर्षीय लखन हुए निर्दोष साबित

लखनऊ। भारत में न्याय व्यवस्था का एक अनौखा रूप देखने को मिला है।हत्या के आरोप में 43 साल से जेल में बंद 104 वर्षीय लखन…

Wife calling husband impotent is equal to mental cruelty, now the High Court has given its verdict on this

लखनऊ। भारत में न्याय व्यवस्था का एक अनौखा रूप देखने को मिला है।हत्या के आरोप में 43 साल से जेल में बंद 104 वर्षीय लखन को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आखिरकार बरी कर दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद मंगलवार को लखन, कौशाम्बी जिला जेल से बाहर आ गए हैं। बताते चलें कि पिता को बेगुनाह साबित करने के लिए 4 बेटियों ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और आखिरकार 43 साल बाद वे पिता को न्याय दिलाने में कामयाब हो पाईं।

जानकारी के अनुसार कौशाम्बी जिले के गौरे गांव के निवासी, लखन को 1977 में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद 1982 में प्रयागराज जिला एवं सत्र न्यायालय ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील की, जिसने आखिरकार 43 साल बाद 2 मई, 2025 को उन्हें बरी कर दिया गया। आदेश का परवाना जेल तक पहुंचने में कई दिन लग गए जिससे लखन सरोज को 20 दिन और जेल में रहना पड़ा।