नई दिल्ली। बुधवार शाम आसमान में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब दिल्ली से श्रीनगर जा रही इंडिगो की फ्लाइट 6E2142 तेज बारिश और ओलावृष्टि की चपेट में आ गई। भीषण मौसम के झटकों से विमान में सवार लोगों की सांसें थम गईं। तेज झटकों के बीच जब विमान हिचकोले खाता रहा, तो यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। डर का आलम ऐसा था कि लोग दुआएं मांगने लगे और कई रोने लगे।
सबसे खतरनाक क्षण तब आया जब मौसम की मार से विमान के आगे का हिस्सा—नोज कोन—टूट गया। लेकिन राहत की बात यह रही कि विमान सुरक्षित श्रीनगर लैंड कर गया और सभी यात्री सुरक्षित बच गए।
इस फ्लाइट में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसदों का एक दल भी सवार था, जो दिल्ली से पुंछ जाने की तैयारी में था। इनमें सांसद डेरेक ओब्रायन, नदीमुल हक, सागरिका घोष, मानस भुइयां और ममता ठाकुर शामिल थे। हादसे के बाद सांसद सागरिका घोष ने बताया कि यह अनुभव जैसे ‘मौत के बेहद करीब’ का अहसास था। उन्होंने कहा, “झटकों के दौरान ऐसा लग रहा था कि अब सब कुछ खत्म हो जाएगा। जब हम फ्लाइट से उतरे तो देखा कि प्लेन की नाक (नोज कोन) पूरी तरह से टूट चुकी थी।”
घोष ने पायलट की सूझबूझ की खुलकर सराहना की और कहा कि अगर उन्होंने स्थिति को इतनी कुशलता से न संभाला होता, तो कुछ भी हो सकता था। फ्लाइट से उतरते ही सभी यात्रियों ने पायलट को धन्यवाद दिया।
इंडिगो एयरलाइन ने भी इस मामले पर आधिकारिक बयान जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि फ्लाइट ने उड़ान के दौरान ओलों और तेज हवाओं का सामना किया, लेकिन पायलट और केबिन क्रू ने सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की। एयरलाइन ने यह भी कहा कि लैंडिंग के बाद एयरपोर्ट टीम को यात्रियों की देखभाल के लिए अलर्ट कर दिया गया था।
यह घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि आसमान की ऊंचाई पर भी खतरा कभी भी दस्तक दे सकता है, लेकिन सही समय पर सही फैसले ज़िंदगियां बचा सकते हैं।
