देहरादून/लोहाघाट। उत्तराखंड के लोक निर्माण विभाग (PWD) में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जिसने विभाग की कार्यप्रणाली और प्रशासनिक गंभीरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोहाघाट में तैनात एक अधिकारी की सेवा पुस्तिका खोने के बाद, उप खंड कार्यालय की ओर से कर्मचारियों को मंदिर में 2 मुठ्ठी चावल चढ़ाने का आदेश जारी कर दिया गया। अब इस मामले में विभाग ने स्पष्टीकरण तलब करते हुए कार्यवाही की चेतावनी दी है।
मामला 16 मई 2025 को सामने आया जब लोहाघाट खंड के सहायक अभियंता जय प्रकाश की सेवा पुस्तिका खोने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई। इसके तुरंत बाद कार्यालय ज्ञाप संख्या 836/0180 के माध्यम से खंड के समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश जारी किया गया कि वे “देवीय आस्था” के आधार पर अपने-अपने घर से दो मुठ्ठी चावल मंगाकर किसी मंदिर में चढ़ाएं।
इस अजीबो-गरीब आदेश ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरीं और लोक निर्माण विभाग की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए। मामला तूल पकड़ते ही अब मुख्य अभियंता एवं विभागाध्यक्ष कार्यालय, देहरादून की ओर से संबंधित अधिकारी को नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि धार्मिक आस्था को आधार बनाकर शासनिक कार्यालयों में ऐसा कोई आदेश पारित करना कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 का उल्लंघन है।
प्रमुख अभियंता ने अपने पत्र में चेतावनी दी है कि यदि नियत समय में संतोषजनक स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं होता है तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। विभागीय पत्र में कहा गया है कि ऐसा आचरण पूरे उत्तराखंड राज्य की छवि को धूमिल करता है।
सवालों के घेरे में PWD ?
- क्या सरकारी दस्तावेजों के नुकसान की जिम्मेदारी देवीय आस्था के माध्यम से तय होगी?
- ऐसे आदेश की अनुमति किस आधार पर दी गई?
- क्या यह विभागीय प्रणाली की विफलता को धार्मिक आस्था से छिपाने की कोशिश थी?
