दिल्ली जा रही स्लीपर बस में आग का तांडव, बस में सो रहे पांच लोगों की जलकर मौत, ड्राइवर और कंडक्टर जान बचाकर भागे

दिल्ली जा रही एक प्राइवेट स्लीपर बस में अचानक आग लग गई और इस हादसे में पांच लोगों की जान चली गई। ये बस बिहार…

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दिल्ली जा रही एक प्राइवेट स्लीपर बस में अचानक आग लग गई और इस हादसे में पांच लोगों की जान चली गई। ये बस बिहार के बेगूसराय से चलकर दिल्ली जा रही थी। बस का नंबर था यूपी सत्रह एटी छह तीन सात दो। हादसा लखनऊ के किसान पथ पर हुआ। बताया जा रहा है कि ये बस जैसे ही मोहनलालगंज के पास लखनऊ रायबरेली रोड से गुजर रही थी उसी वक्त इसमें शॉर्ट सर्किट से आग लग गई।

आग लगने के बाद भी ड्राइवर ने बस नहीं रोकी। बस करीब एक किलोमीटर तक जलती हुई दौड़ती रही। बस के अंदर अफरा तफरी मच गई। लोग बचने के लिए चिल्लाने लगे लेकिन बाहर निकलने का रास्ता नहीं मिला। ड्राइवर और कंडक्टर खुद खिड़की तोड़कर भाग निकले। आग की लपटें इतनी भयानक थीं कि दूर से ही दिख रही थीं। इस वक्त बस में अस्सी के करीब यात्री सवार थे और हादसे के वक्त सभी लोग सो रहे थे।

मुख्य दरवाजा आग की वजह से फंस गया और नहीं खुला। जो लोग किसी तरह खिड़की या दूसरे रास्ते से निकल सके वही बच पाए। बाकी लोग अंदर ही फंस गए। मौके पर पहुंचे स्थानीय लोगों और पुलिस ने मिलकर खिड़कियों के शीशे तोड़कर अंदर फंसे लोगों को बाहर निकाला। सूचना पर दमकल की कई गाड़ियां पहुंचीं। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।

जब फायर ब्रिगेड के लोग बस के अंदर पहुंचे तो पांच लोगों के शव मिले। इनमें दो महिलाएं दो छोटे बच्चे और एक पुरुष शामिल है। इनमें से चार की पहचान हो गई है जबकि एक पुरुष की पहचान नहीं हो पाई है। मरने वालों में लख्खी देवी जो अशोक मेहता की पत्नी थीं उम्र करीब पचपन साल बताई जा रही है। दूसरी है सोनी जो अशोक महतो की बेटी थीं उम्र करीब छब्बीस साल। तीसरा बच्चा है देवराज जिसकी उम्र करीब तीन साल थी और चौथी साक्षी जो दो साल की थी। दोनों बच्चे रामलाल के बताए जा रहे हैं।

यह हादसा सुबह करीब पांच बजे हुआ जब सभी लोग नींद में थे। लोग बताते हैं कि ड्राइवर और कंडक्टर बस रोकते ही सबसे पहले कूदकर भाग गए। हादसा लखनऊ के पीजीआई कल्ली के पास किसान पथ पर हुआ। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव का काम शुरू किया और घायलों को अस्पताल भेजा। अब हादसे की जांच शुरू हो गई है।