Adi Kailash Yatra 2024: मानसून की वजह से भारी बारिश के चलते आदि कैलाश की यात्रा रोक दी गई थी। बारिश समाप्त होने पर और मौसम साफ होने के बाद फिर से श्रद्धालुओं के लिए आदि कैलाश की यात्रा शुरू की जा रही है। उत्तराखंड में इन दिनों बारिश का कहर देखने को मिल रहा है और जगह-जगह पर भूस्खलन के कारण रास्ते बंद हो गए हैं जिसे देखते हुए कुमाऊँ मंडल विकास निगम ने आदि कैलाश की यात्रा को कैंसिल कर दिया था। मौसम साफ होने और बारिश रुकने के बाद यह यात्रा फिर से सुचारू रूप से चलाई जा रही है।
आदि कैलाश यात्रा रुकी, पर रजिस्ट्रेशन जारी रहेगा
कुमाऊं मंडल विकास निगम के जीएम विजयनाथ शुक्ल का कहना है कि बारिश रुकने और मौसम साफ होने के बाद फिर से आदि कैलाश यात्रा शुरू होगी। हालांकि श्रद्धालु इस यात्रा के लिए अपना रजिस्ट्रेशन अभी से करवा सकते हैं। यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन को नहीं रोका गया है सिर्फ यात्रा को मौसम साफ होने तक और स्थिति ठीक होने तक ही रोका गया है,ताकि तीर्थ यात्रियों को कोई दिक्कत ना हो।
वहीं, मौसम खराब होने के कारण श्रद्धालुओं से इस वक्त चारधाम यात्रा को भी टालने की अपील की गई है। यह अपील मौसम विभाग ने की है। मौसम विभाग ने अभी सूबे में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। उत्तराखंड में कुमाऊं से लेकर गढ़वाल तक भारी बारिश और भूस्खलन हो रहा है जिस कारण कई रास्ते बंद हैं। बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी अभी नहीं खुला है। कई यात्री वहां फंसे हुए हैं।
जोशीमठ में 3 हजार से अधिक श्रद्धालु जगह-जगह फंसे
बदरीनाथ हाईवे जोशीमठ में चौथे दिन भी रास्ता बंद रहा। बृहस्पतिवार सुबह यहां कुछ देर के लिए मलबे के ऊपर से पैदल आवाजाही शुरू की गई थी लेकिन अचानक पहाड़ी से बोल्डर गिरने से हाईवे बंद हो गया। गोविंद घाट से लेकर जोशीमठ तक करीब 3000 से ज्यादा यात्री जगह-जगह फंसे हुए हैं। 9 जुलाई की सुबह जोशीमठ के पास चुंगी धारा में पहाड़ी से चट्टान का हिस्सा टूटकर बदरीनाथ हाईवे पर गिर गया था जिसके बाद आवाजाही बंद हो गई थी।
भारत-चीन सीमा पर है आदि कैलाश और ओम पर्वत
आदि कैलाश और ओम पर्वत के श्रद्धेय पर्वत उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में भारत-चीन सीमा पर स्थित हैं। दोनों चोटियां भगवान शिव के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व रखती हैं। पिछले साल की तुलना में इस साल इन दोनों ही चोटियों के दर्शन करने के लिए पंजीकरण कराने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ी है। व्यास घाटी जहां आदि कैलाश और ओम पर्वत स्थित हैं, रास्ते में गुंजी, कुटी, नाभि जैसे सुंदर गांवों के साथ हरी-भरी और सुंदर घाटियां हैं।
