भारतीय मूल की महज नौ वर्षीय स्कूली छात्रा बोधना शिवनंदन शतरंज में इतिहास रचने जा रही हैं। बोधना किसी भी खेल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी है।
उत्तर-पश्चिम लंदन के हैरो निवासी बोधना अब सितंबर में हंगरी के बुडापेस्ट में आयोजित होने वाले शतरंज ओलंपियाड में इंग्लैंड की महिला टीम में शामिल होंगी। इस टीम में शामिल अन्य खिलाड़ियों की उम्र 20 साल से ज्यादा है।
बोधना ने बुधवार को बीबीसी से कहा, ”कल स्कूल से वापस आने के बाद जब मेरे पिताजी ने मुझे बताया तो मुझे इस बारे में पता चला। मैं खुश थी। मुझे उम्मीद है कि मैं अच्छा प्रदर्शन करूंगी और मुझे एक और खिताब मिलेगा।”
बोधना के पिता शिवा शिवनंदन ने कहा कि उन्हें अब भी इस बात पर हैरानी है कि उनकी बेटी को यह प्रतिभा कहां से मिली। शिवा ने कहा, ”मैं इंजीनियरिंग स्नातक हूं, मेरी पत्नी भी इंजीनियरिंग स्नातक है लेकिन मैं शतरंज में अच्छा नहीं हूं।”
पिछले दिसंबर में बोधना ने क्रोएशिया के जाग्रेब में यूरोपीय ब्लिट्ज शतरंज चैंपियनशिप जीती थी और उस समय उन्हें ‘सुपर टैलेंटेड’ करार दिया गया था।
