अल्मोड़ा शिक्षा विभाग में घोटाला— मानक रखे ताक पर बाजार भाव से चार गुनी कीमत पर खरीदे विद्युत उपकरण एमआरपी पर भी दिया टैक्स

Newsdesk Uttranews
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अल्मोड़ा— शिक्षा विभाग की कारस्तानी भी चर्चाओं में रहती है। कई बार कमीशन का आरोप अधिकारियों पर लगता रहता है। पूर्व में एक सीईओ को विजीलेंस की टीम ने रंगे हाथों पकड़ा वहीं कई बार रेट कांट्रेक्ट के नाम पर फर्नीचर और अन्य खरीद पर कमीशन का आरोप लोग लगाते हैं। लेकिन ताजा मामला बेहद चौकाने वाला है। विभाग ने जिले के विभिन्न स्कूलों में विद्युत उपकरण यानी एलईडी ट्यूब लाईट खरीद पर जबरदस्त अनियमितताएं की हैं। बाजार में चार से पांच सौ के बीच आने वाला यह एलईडी ट्यूब लाईट चार गुने से अधिक कीमत पर स्वीकृत की गई साथ ही नग में दिए गए एमआरपी रेट पर ही तयशुदा टैक्स काट लिया गया।

यह घोटाला सूचना के अधिकार से सामने आया है, जानकारी के अनुसार कई दर्जन स्कूलों में विभाग ने उच्च अधिकारियों के निर्देश पर एलईडी के ट्यूबलाईट बल्ब खरीदे। बाजार में चार से पांच सौ के बीच मिलने वाले इस बल्ब की कीमत जिम्मेदार कर्मचारियों ने 2310 रूपये में न केवल स्वीकृत कर दी बल्कि इसी एमआरपी पर टैक्स की धनराशि को स्वीकृत कर बहुत बड़ा आर्थिक घोटाला किया है। आरटीआई कार्यकर्ता डा रमेश लोहुमी ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत यह जानकारी मांगी थी। ऊर्जा के लिए बचत के लिए एलइडी ट्यूब लाइट बल्ब खरिदने के आदेश शिक्षा निदेशालय ने किये थे. जिसके बाद सभी स्कूलों में लाईट खरीदी जिसकी बाजार कीमत काफी कम है, जबकि शिक्षा विभाग ने इसका बिल 27 सौ से अधिक का बिल भुगतान कर दिया है, सूचना के अधिकार में मिली जानकारी के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। आरटीआई कार्यकर्ता डा. रमेश चन्द्र लोहमी ने बताया कि सूचना देने में भी देरी की गयी।

मामला सामने आने के बाद मुख्य शिक्षा अधिकारी जगमोहन सोनी ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि मामला घोटाले का नहीं लापरवाही का है ताकुला और ताड़ीखेत में कुछ विद्यालयों में यह मामला संज्ञान में आया है। मामले की जांच की जा रही है जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।