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भाजपा ने देश के प्रत्येक परिवार को महंगाई और बेरोजगारी की ओर धकेला है : कांग्रेस

उत्तरा न्यूज टीम
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Gramodhyoh Vikas Sansthan raised the demand

देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव एवं कांग्रेस स्टीयरिंग कमेटी के सदस्य मोहन प्रकाश व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने केंद्र व राज्य सरकार को आड़े हाथ लिया। कहा कि भाजपा ने किसानों की आमदनी दोगुनी करने का झांसा दिया और समाज के दलित, आदिवासी व अन्य वर्गों को पर्याप्त अवसर नहीं दिया।

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उन्होंने कहा कि भाजपा सरकारों ने अपने धन्नासेठ दोस्तों के लिए अवसर सृजित किए और अपनी नाकामियों पर परदा डालने के लिए भारत को नफरत, निराशा और नकारात्मकता के दलदल में धकेल दिया। उन्होंने कहा कि आज भारत को हर स्तर पर तोड़ा जा रहा है।

देश के संसाधनों का रूख मुट्ठीभर लोगों की ओर मोड़ा जा रहा है। इसलिए राहुल गांधी कन्याकुमारी से कश्मीर तक सत्ता की नफरत, निराशा और नकारात्मकता की जड़ता को तोड़ रहे हैं और भारत को जोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भारत जोड़ो अभियान को और अधिक व्यापकता प्रदान करने के लिए समूचे देश में 26 जनवरी से 26 मार्च तक एक जन संवाद कार्यक्रम हाथ से हाथ जोड़ो अभियान चलाएगी।

इसका नेतृत्व ब्लॉक कांग्रेस कमेटियां करेंगी। इस अभियान के तहत देश के 6 लाख गांवों 2.50 लाख ग्राम पंचायतों और 10 लाख मतदान बूथों तक पहुंचकर राहुल गांधी का संदेश और मोदी सरकार की नाकामियों की चार्जशीट हर घर तक पहुंचाई जाएगी।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार जब से सत्ता में आई है, महंगाई से देश के नागरिकों की कमर टूटती जा रही है। 2014 में जो गैस का सिलेंडर 410 रुपये का था, आज 1050 रुपया पार कर गया है।

पेट्रोल के दाम 70 रूपये प्रति लीटर से बढ़कर 100 प्रति लीटर के पार हो गए हैं। इतना ही नहीं बीते दिनों जीएसटी की बर्बर मार से दही, पनीर, लस्सी, आटा, सूखा सोयाबीन, मटर व मुरमुरे भी बच नहीं सके। होटल के 1000 के कमरे पर 12 प्रतिशत जीएसटी, अस्पताल के आईसीयू बेड पर 5 प्रतिशत जीएसटी, जीने के तो श्मशान घाट के निर्माण पर भी जीएसटी बढ़ा दिया गया।

उन्होंने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतें लगातार घट रही हैं मगर मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम नहीं कर रही हैं। बीते 8 सालों में पेट्रोलियम प्रोडक्ट पर कर लगाकर 29 लाख करोड़ रुपये जनता की जेब से निकले गए।