दिल्ली कोर्ट ने केजरीवाल पर पूर्व मुख्य सचिव की याचिका खारिज की

Newsdesk Uttranews
3 Min Read

f77bebc5eb914b27fecae197e7088901

नई दिल्ली, 8 जून (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को पूर्व मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन पर कथित हमले के 2018 के एक मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आप के नौ विधायकों को क्लीन चिट देने को चुनौती दी गई थी।

new-modern

326 पन्नों के आदेश में विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने कहा कि पुनरीक्षण याचिका में कोई दम नहीं है और इसे खारिज किया जाता है।

प्रकाश के वकील ने कहा था कि आप के सत्ता में तीन साल पूरे होने पर विज्ञापन जारी करने में आ रही दिक्कतों पर चर्चा करने के लिए उन्हें 19 फरवरी 2018 को केजरीवाल के आवास पर बुलाया गया था।

उन्होंने कहा किया कि हमला मुख्यमंत्री, सिसोदिया और विधायकों की उपस्थिति में आपराधिक रूप से डराने और उन्हें अपने वैध कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के इरादे से हुआ।

उन्होंने तर्क दिया कि ट्रायल कोर्ट ने रिकॉर्ड पर उपलब्ध सामग्री पर चुनिंदा रूप से भरोसा करते हुए और बिना किसी आधार या औचित्य के, अलग-अलग आरोपी व्यक्तियों के लिए उनकी भूमिका और भागीदारी के संबंध में अलग-अलग मापदंड लागू करके अलग-अलग निष्कर्षो पर पहुंचा है।

आदेश में, अदालत ने कहा : ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित किए गए आदेश में कोई दुर्बलता, अवैधता या विकृति या अनौचित्य नहीं है और इसे गवाहों के बयानों सहित रिकॉर्ड पर सामग्री पर विचार करने के बाद पारित किया गया है। परीक्षण लागू करना निर्णयों की एक श्रृंखला में निर्धारित आरोप तय करने के लिए, याचिकाकर्ता द्वारा एलडी ट्रायल कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने या आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आरोप तय करने के निर्देश के लिए कोई आधार नहीं बनाया गया है।

इसने यह भी कहा कि यह स्थापित कानून है कि आरोप तय करने के चरण में, अदालत को केवल यह देखना है कि क्या इस बात का प्रबल संदेह है कि आरोपी ने कोई अपराध किया है, न कि रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री से दोष सिद्ध होगा या नहीं।

पिछले साल 11 अगस्त को, दिल्ली की एक अदालत ने केजरीवाल, सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के नौ अन्य विधायकों – राजेश ऋषि, नितिन त्यागी, प्रवीण कुमार, अजय दत्त, संजीव झा, ऋतुराज गोविंद, राजेश गुप्ता, मदन लाल और दिनेश मोहनिया के खिलाफ आरोप हटा दिए थे।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

Source link