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अल्मोड़ा यूकेडी में कलह — सल्ट के यूकेडी नेता राकेश ने चुनाव लड़ने से किया इंकार, कहा उनके हर कदम पर हुई कांटे बिछाने की साज़िश

Newsdesk Uttranews
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अल्मोड़ा, 18 जनवरी 2022-

सल्ट क्षेत्र के संघर्षशील सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में पहचान बना चुके यूकेडी नेता राकेश नाथ ने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया है।उन्होंने उनके साथ भेदभाव करने और पर्दे के पीछे से षडयंत्र करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वह फ़िलहाल यूकेडी को नहीं छोड़ रहे हैं।
राकेश ने सोशल मीडिया फेसबुक पर एक लंबी पोस्ट लिखी है और आरोप लगाया कि उनके हर कदम पर कांटे बिछाने की साज़िश की गई। उन्होंने कहा कि” दिल्ली/ देहरादून/ नोएडा/ काशीपुर कहीं से भी लाकर सल्ट में यूकेडी चुनाव लड़वाएं ।”
इससे पूर्व राकेश ने संगठन को और अधिक मजबूत बनाने की जरूरत जताते हुए मई 2021 में उपचुनाव लड़ने से मना कर दिया था। राकेश नाथ के चुनाव नहीं लड़ने के ऐलान से उनके समर्थकों में मायूसी है।
अपने फेसबुक पोस्ट में राकेश ने यह लिखा है—

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“साथियों यूकेडी में अपने साथ हो रहे भेदभाव से मन बहुत आहत और दुखी है । ऐसा प्रतीत होता है मानो पर्दे के पीछे षड्यंत्र चल रहा हो । मेरे राह में कदम कदम पर कील कांटे बिछाएं गए, मैनें अपने होंठ सी लिए केवल यूकेडी और राज्य के लिए बलिदान देने वाले शहीदों की खातिर ।
मैनें अपने पीठ पर खंजर के कई वार झेले पर मैं चुप रहा, उत्तराखंड के उन युवाओं की खातिर जो हमारी मुहिम से यूकेडी से जुड़ रहे थे ।
21 दिसंबर को लिस्ट में नाम ना आने के पीछे और 27 दिनों बाद भी नाम घोषित ना होना । ये कोई सीधी/ सरल बात नहीं है ।

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ईश्वर और जनता साक्षी है ज़मीनी धरातल पर दिन रात यूकेडी को मजबूत करने के लिए कार्य किया । दल के लिए अपना खून पसीना बहाया । औरो की तरह दल के नाम से दुकान/ धंधा नहीं चलाया । सिर्फ यूकेडी को मजबूत करने के उद्देश्य से कार्य किया । चुनाव लड़ने पैसा इकट्ठा करने का लालच होता तो सल्ट उपचुनाव लड़ लेता । पर मैनें लड़ने से मना कर दिया ।

दल के नेता चुनाव को लेकर गंभीर नहीं लगते ।
चुनाव के समय गाड़ी को 100 की स्पीड से दौड़ना चाहिए मगर गाड़ी 10 की स्पीड से रेंग रही है । गाड़ी अंजर पिंजर सब में जंग लग चुका ।

साथियों मुझे असमंजस में रखकर जो समय खाया/ गवायां गया । इस तरह जानबूझकर मुझे ऐसे दोराहे पर लाकर खड़ा कर दिया है । जिससे हमारे हाथों से रेत की तरह जीती हुई बाज़ी किसी और के हाथों में सौंपने के समान है ।

मैं यूकेडी के समस्त शुभचिंतकों/ समर्थकों/ कार्यकर्ताओं एवं उत्तराखंड की आम जनता को बड़ी विनम्रता से कहना चाहता हूं कि मैं सल्ट विधानसभा से चुनाव नहीं लडूंगा और यूकेडी नहीं छोड़ रहा हूं ।

दल के भीतर कई लोग अपने षड्यंत्र/ मुहिम में सफल हुए । वो जीते और मैं हारा । अगर मेरे चुनाव ना लड़ने से यूकेडी का भला/ लाभ होता है तो मुझे चुनाव ना लड़ना भी मंजूर है । मैं हमेशा कहता हूं चुनाव लड़ना महत्वपूर्ण नहीं जनता के लिए लड़ना ज्यादा महत्वपूर्ण होता है । अब भगवान बद्री केदार न्याय करें ।

दिल्ली/ देहरादून/ नोएडा/ काशीपुर कहीं से भी लाकर सल्ट में यूकेडी चुनाव लड़वाएं । जिन मालियों के कंधों पर वृक्ष को ऊंचा उठाने की जिम्मेदारी है । वहीं कुल्हाड़ी लेकर नई कपोलों/ टहनियों को काटते हैं । परिणामस्वरूप 21 वर्षों में वृक्ष सूख चुका है । कुछ पुराने देवतुल्य पंछी जो वृक्ष को सीचने/ पुनर्जीवित करने का पुण्य प्रयास करते हैं । कुछ पुरानी दीमके बार बार उनके प्रयास को विफल कर देती है । इन पुरानी दीमकों ने वृक्ष को शनैः शनैः खोखला कर दिया है ।


~ राकेश नाथ, सल्ट विधानसभा, उत्तराखंड क्रांति दल”