लखनऊ: गौतमबुद्ध नगर, आजमगढ़, बरेली, चित्रकूट और लखनऊ की जेल को हाई सिक्योरिटी जेल में तब्दील कर दिया गया है। डीजी जेल आनंद कुमार ने बताया कि हाई सिक्योरिटी जेलों की सुरक्षा के लिए 997 कर्मियों को पीएसी से प्रतिनियुक्ति पर लिया गया है। इनमें से अधिकतर की आमद जेल महकमे में हो चुकी है। इसी तरह नागरिक पुलिस से भी 1,300 पुलिस कर्मियों को दो वर्ष के लिए प्रतिनियुक्ति पर लिया गया है। वहीं जेल में सीसीटीवी कैमरों व ड्रोन कैमरों से निगरानी के लिए विशेष कंट्रोल रूम बनाया गया है।
जेलों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल को रोकने के लिए सजा और जुर्माना बढ़ाया गया है। पर, इसका इस्तेमाल नहीं रुक रहा है। वर्ष 2016 में जेलों में जैमर लगवाए गए थे। लेकिन थ्री जी फोन पर कारगर इन जैमरों की तकनीक अब पुरानी हो चुकी है। बाजार में अब 5जी तकनीक आने वाली है। ऐसे में 5जी तकनीक वाले मोबाइल फोन के जेलों में इस्तेमाल रोकने के लिए 5जी तकनीक वाले जैमर के लिए 70 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। मगर पैसों की कमी की वजह से यह जैमर नहीं लग पा रहे हैं।

