धर्मांतरण मामले में विदेशों से होती थी फंडिंग

Newsdesk Uttranews
3 Min Read

new-modern

लखनऊ: ADG Law and Order प्रशांत कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि धर्मांतरण के लिए विदेशों से फंडिंग होती रही है। मामले में तीन गिरफ्तारियां की गई हैं। एटीएस ने मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, इरफान शेख व राहुल भोला को गिरफ्तार किया है।

धर्मांतरण मामले में तीन धर्म गुरुओं की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी। एटीएस अब तीनों धर्म गुरुओं की कुंडली खंगाल कर धर्मांतरण के रहस्यों से पर्दा उठाने में जुटी हुई है। एटीएस की जांच पड़ताल में पता चला कि तीनों 2019 में एनआरसी व सीएए विरोधी दंगों को भड़काने में भी शामिल रहे थे।

इनमें से एक धर्म गुरू जेल भेजे जा चुके मोहम्मद उमर गौतम के संपर्क में भी रहा था। मोहम्मद उमर इस धर्म गुरू को कई बार अपने साथ हलीम मुस्लिम कॉलेज लेकर गया था, जहां मूक बधिर छात्रों का ब्रेनवॉश किया जाता था। धर्मांतरण मामले में तीनों धर्म गुरुओं की भूमिका पता लगने के लिए एटीएम उनके बीते आठ माह का डाटा खंगालने में जुटी है।

सुरक्षा एजेंसियां इन धर्म गुरुओं की कॉल डिटेल रिपोर्ट, सोशल मीडिया एक्टिविटी के माध्यम से यह पता करने का प्रयास कर रही हैं कि धर्म गुरुओं की धर्मांतरण के संबंध में किससे बात होती थी। सोशल मीडिया पर उनकी तरफ से बीते आठ महीनों में की गई पोस्ट भी खंगाली जा रही है, जिससे उनकी भवानाओं का पता लग सकेगा। पूर्व में इन्हीं तीनों गुरुओं पर एनआरसी के विरोध में फंडिंग एकत्रित करने का भी आरोप लगा था।

धर्मांतरण के मामले में गिरफ्तार उमर गौतम और जहांगीर आलम से एटीएस की पूछताछ लगातार जारी है। देश भर के 24 राज्यों में उमर का नेटवर्क फैला होने का दावा किया जा रहा है। एटीएस इसकी तस्दीक कर रही है। साथ ही उमर द्वारा बताए गए पतों को खंगालने के लिए यूपी पुलिस संबंधित राज्य की पुलिस के साथ जानकारी साझा कर रही है।

इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने अधिकारियों से इस मामले में तह तक जाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह भी कहा है कि इस मामले में जो भी दोषी है उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कारवाई की जाए।