नई दिल्ली: गुरुवार को केंद्र सरकार ने आईटी नियमों का पालन नहीं करने को लेकर ट्विटर कंपनी से कानूनी संरक्षण छीन लिया है। वहीं आज ट्विटर के अधिकारी संसदीय समिति के सामने पेश होंगे। आईटी को लेकर गठित स्थाई समिति इस दौरान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग को लेकर सवाल-जवाब करेगी। साथ ही सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल से बचने को लेकर भी जानकारी मांगी जाएगी। बता दें कि नए आईटी कानून को लागू करने में हो रही देरी को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अगुवाई वाली कमेटी ने फेसबुक, ट्विटर समेत कई बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को तलब किया था
संसदीय समिति के नोटिस के मुताबिक, 18 जून को होने वाली बैठक का एजेंडा लोगों के अधिकारों को लेकर ट्विटर अधिकारियों की बात को सुनना है। इस दौरान प्लेटफॉर्म्स के दुरुपयोग के अलावा डिजिटल क्षेत्र में महिलाओं की सुरक्षा पर भी चर्चा की जाएगी। केंद्र ने हाल ही में ट्विटर का इंटरमीडियरी का दर्जा खत्म कर दिया है।साथ ही कंपनी को भारतीय कानूनों की सीमा में भी लाया गया है।
सरकार और कंपनी के बीच जारी है विवाद
दरअसल, 2021 में किसान आंंदोलन के दौरान सरकार ने कई अकाउंट को बंद करने का आदेश दिया था, लेकिन ट्विटर ने बोलने की आजादी का हवाला देते हुए सरकार का आदेश मानने से इनकार कर दिया । जिसके बाद सरकार ने ट्विटर पर नए नियम लागू करने को कहा, लेकिन यहां भी कंपनी ने सरकार के नए नियम लागू करने में कई खामियों का जिक्र करते हुए तीन महीनों का वक्त मांगा। हालांकि तीन महीने की अवधि खत्म होने के बाद भी कंपनी की ओर से आदेश का पालन नहीं किया गया।

