देश दिल में गूंजी कुमाउंनी शकुनाखर की गूंज, कार्यक्रम प्रस्तुत कर लौटे कलाकार

उत्तरा न्यूज डेस्क
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भिकियासैंण सहयोगी |दिल्ली के संगीत नाटय अकादमी मेघदूत थियेटर में नवजीवन सोसाइटी इण्डा-भिकियासैंण व संगीत नाटय अकादमी द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में कुमाऊनी शगुन आखर (शकुनाखर)मंगलगीत गायन विधा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दी है|
दिल्ली में 8 व 9 जनवरी को कुमाऊ में शुभ कार्यों कर्णवेद,जनेऊ संस्कार,गणेश पूजा,शादी व अन्य मांगलिक कार्यों के मौके पर शगुन आखर(शकुनाखर) अर्थात मंगलगीत गायन का प्रचलन है|महिलाओं द्वारा विशेष लय में गाया जाने वाला शगुन आखर का अपना महत्व है|

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दिल्ली कार्यशाला में अल्मोड़ा की प्रशिक्षक कलाकार मीनू शाह व विमला तिवारी के निर्देशन में कुमाऊ के पारंम्परिक परिधानों व गहनों में सजधज कर महिलाओं की टीम ने हाय अंबेगौरी जैसा सुहाग तुमने लक्ष्मी जी को दीना आदि शगुन आखर की मनमौहक प्रस्तुति देकर खूब वाह वाही लूटी इस मौके पर थियेटर हाल में भारी संख्या में उत्तराखण्ड के प्रवासी लोगों का जमवाड़ा रहा|समापन मौके पर सोसाइटी के अध्यक्ष किशनसिंह बिष्ट ने कहा कुमाऊनी मंगलगीत को राष्ट्रीय पर्वों के मौके पर वीणा वादन के माध्यम से स्थान मिलना चाहिये जिससे मंगलगीत धून लोगों तक आसानी से पहुच सकेगी|बिष्ट ने बताया टीम में संगीतकार कुन्दन रावत,कंचन तिवारी,गायिका मीनूशाह,विमला,हेमा जोशी,निर्मला पांडे,महासचिव हेमा,दिगम्बर नेगी आदि शामिल हैं|