जंगली जानवरों के भय के चलते खेतीगाड़ के ग्रामीण हो रहे सतर्क

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खेतीगाड़ के युवाओं का सफाई अभियान

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चम्पावत। काली कुमाऊं के खेतीगाड़ के युवाओं ने सफाई अभियान चलाया। इस दौरान ग्रामीण युवाओं की ओर से रास्ते में उग आई कंटीली झाड़ियों को काटा गया। युवाओं की ओर से चले इस श्रमदान की प्रशंसा की जा रही है।

बताते चलें लोहाघाट विकास खंड के खेतीगाड़ नामक गांव में जंगली जानवरों का असमय भय बना रहता है। रविवार को खेतीगाड़ गाँव के युवाओं की ओर से सफाई अभियान चलाया गया। इस अभियान में धरमघर समिति के उपाध्यक्ष रमेश चन्द्र पाण्डेय,तारामोहन पाण्डेय, विपिन पाण्डेय, गोपाल दत्त पाण्डेय, राजेश पाण्डेय, मनोज पाण्डेय, सूरेश चन्द्र पाण्डेय, गिरीश पाण्डेय, मोहन पाण्डेय आदि ग्रामीणों का कहना है कि अधिकांश ठंड के मौसम में जंगली जानवरों का भय बना रहता है। इसके चलते ग्रामीणों की ओर से श्रमदान कर रास्तों से कटीली झाड़ियां साफ की गईं ।

 

गांव को जोड़ने वाली सड़क के हैं पुरसाहाल

एन एच के मानेश्वर से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित खेतीगाड़ को जोड़ने वाली एक मात्र सड़क के हाल बेहाल हैं। ग्रामीणों ने बताया कि वर्षों पहले बनी सड़क में जगह जगह खड्डे पड़े हुए हैं। बरसात के समय इस सड़क पर असमय दुर्घटना का खतरा बना रहता है। बताया कि  वर्ष 2005 में बनी मानेश्वर खेतीगाड़ तक की सड़क अभी भी डामरीकरण नहीं की जा सकी है। इसके लिए ग्रामीणों ने संबंधित विभागों और समाधान पत्र के माध्यम से जिलाधिकारी को भी अवगत कराया गया है लेकिन अभी तक ग्रामीणों की इस परेशानी की कोई सुधबुध नहीं ली गई है।

ग्रामीणों का कहना है कि सरकारें कहती है की पलायन रोको।पर हम क्या करें।हम लोग मजबुर हो गये है गाँव छोड़ने को मन तो नहीं है क्या करें शासन प्रशासन व सरकार हमारे गाँव की सुधबुध नहीं लें रही है