लाहौर, 30 जून (आईएएनएस)। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पीएमएल-एन सरकार को बड़ा झटका देते हुए लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) ने गुरुवार को हमजा शहबाज के मुख्यमंत्री चुने जाने के खिलाफ दायर पीटीआई की अपील को स्वीकार कर लिया है।
द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस सदाकत अली खान और जस्टिस शाहिद जमील, शेहराम सरवर, साजिद महमूद सेठी और तारिक सलीम शेख की अध्यक्षता वाली एलएचसी की एक बड़ी पीठ ने 4-1 के साथ फैसला किया।
जस्टिस सेठी ने अपने साथी जजों से असहमति जताई।
पीटीआई और पीएमएल-क्यू ने 16 अप्रैल को सत्र में हुए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बेटे हमजा शहबाज के चुनाव को चुनौती दी थी।
द न्यूज ने बताया कि एलएचसी के आदेश से देश के सबसे बड़े प्रांत में एक नया संकट पैदा होने की संभावना है, क्योंकि पीटीआई नेताओं ने कहा है कि मुख्यमंत्री का चुनाव फिर से होगा।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, वही उम्मीदवार हमजा शहबाज और परवेज इलाही फिर से इस पद के लिए लड़ेंगे। विश्वास मत के लिए, नए मुख्यमंत्री को 186 मत या सदन की कुल शक्ति का आधा प्राप्त करना होगा।
अगर अदालत पंजाब विधानसभा को 16 अप्रैल की स्थिति में बहाल करती है, तो डिप्टी स्पीकर चुनाव की कार्यवाही की देखरेख करेंगे।
यदि उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दायर किया जाता है, तो कार्यवाही की अध्यक्षता अध्यक्षों के एक पैनल द्वारा की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में, पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने 25 पीटीआई दलबदलुओं को अपदस्थ कर दिया है।
20 खाली सीटों के लिए 17 जुलाई को उपचुनाव होंगे और प्रचार जोर-शोर से चल रहा है।
आरक्षित सीटों पर सदस्यों की अधिसूचना के शीर्ष अदालत के आदेश के लागू होने के बाद विपक्षी गठबंधन को पांच और सीटें मिलेंगी।
मुख्यमंत्री पद के लिए चुनाव के समय 351 सदस्य मतदान करेंगे, शेष 20 सदस्य उपचुनाव के बाद विधानसभा में शामिल होंगे।
–आईएएनएस
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