Vijay Diwas …जब 4 दिसंबर की तड़के पाक की ऑयल रिफाइनरी को किया था तबाह

Newsdesk Uttranews
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Vijay Diwas … jab 4 December ki tadke pak ki oil refinery ko kiya tha tbaah

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उत्तरा न्यूज डेस्क, 16 दिसंबर 2020
50 साल पहले यही वो दिन था जब बांग्लादेश के रूप में दुनिया के नक्शे में नया देश आया। 1971 के भारत—पाक युद्ध में अल्मोड़ा के एचएस सांगा ने भी हिस्सा लिया था। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सैनिकों के दांत खट्टे कर दिए थे। सांगा तथा उनकी टीम ने समुद्री सीमा के रास्ते कराची स्थित पाकिस्तान के ऑयल रिफाइनरी पर मिसाइल बोट से अटैक कर उसे तबाह कर डाला था। (Vijay Diwas)

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वैसे तो मां भारती की रक्षा के लिए न जाने कितने वीर जांबाजों ने अपने प्राणों की आहूति दी है। साथ ही अलग-अलग युद्धों और ऑपरेशनों में देश के कई वीर सैनिकों ने अपने बहादुरी के झंडे गाड़े हैं। इन्हीं बहादुर सैनिकों में एक नाम है हीरा सिंह सांगा। (Vijay Diwas)

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सांगा ने बताया कि 1971 में जब भारत-पाक के बीच युद्ध हुआ था तो वह इस समय बॉम्बे में तैनात थे। 3 दिसंबर 1971 को आदेश मिलते ही तत्कालीन कमांडर बब्र भान के नेतृत्व में उनकी टीम आधी रात को अपने मिसाइल बोट आईएनएस-वीर को लेकर समुद्री मार्ग से पाक सीमा पर पहुंचे। सुबह करीब चार बजे 30 से 40 नाटिकल माइल (समुद्री दूरी) करीब 80 किमी की दूरी से आईएनएस-वीर मिसाइल बोट से पाक के कराची स्थित ऑयल रिफाइनरी पर हमला किया। उसमें भयंकर आग लग गई, जिससे वह पूरी तरह तबाह हो गया। साथ ही इस हमले में पाक के दो जहाज डूब गए थे। इसमें पाक का खैबर जहाज भी शामिल था।

सांगा ने कहा कि नौ सेना की इस कार्रवाई के बाद पाक के लड़ाकू विमान युद्ध स्थल में घूमने लगे, लेकिन उनकी टीम उन्हें चकमा देकर वापस बॉम्बे लौट आई। सांगा ने बताया कि नौ सेना की कार्रवाई थल और वायु सेना से अलग होती है। समुद्री सीमाओं में लड़ाई लड़ने के दौरान दुश्मन दिखाई नहीं देता है बल्कि जहाज में लगे राडार से दुश्मनों के अड्डों का पता किया जाता है, जिसके बाद कार्रवाई की जाती है। (Vijay Diwas)

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कम संसाधनों में भी पाक सैनिकों के दांत खट्टे किए
लेफ्टिनेंट कमांडर एचएस सांगा बताते है कि 1971 की लड़ाई के दौरान भारतीय सेना के पास पर्याप्त संसाधन मौजूद नहीं थे, लेकिन उसके बावजूद भी उन्होंने पाकिस्तानी सैनिकों के छक्के छुड़ाए थे। उन्होंने बताया कि भारत ने 1971 के युद्ध से पहले ही 1969 में सोवियत संघ (वर्तमान रूस) से आठ मिसाइल बोट खरीदी थी। जिसमें आईएनएस-विजेता, आईएनएस-विद्युत, आईएनएस-वीर, आईएनएस-विनाश, नासक, निर्भिक, निपट व निर्घट शामिल थे।(Vijay Diwas)

12वीं की पढ़ाई के दौरान नेवी में हुए थे भर्ती
जीआईसी में 12वीं की कक्षा में अध्ययनरत होने के दौरान ही 15 दिसंबर 1962 को एचएस सांगा भारतीय नौ सेना में नेवी बॉयज (वर्तमान में सीमैन) में भर्ती हुए। इस दौरान नेवी बॉयज में साढ़े 15 से साढ़े 16 साल तक के युवाओं को भर्ती किया जाता था। इसके बाद वह देश की रक्षा के लिए संघर्षरत रहते हुए कई पदों में आसीन रहे। 1982 में उन्हें नेवी में कमीशन प्राप्त हुआ। 31 दिसंबर 2003 को सांगा लेफ्टिनेंट कमांडर के पद से रिटायर्ड हुए।(Vijay Diwas)

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