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Bageshwar- यहां होमस्टे संचालकों को दिया गया प्रशिक्षण

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बागेश्वर – उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद के तत्वाधान में जनपद के होमस्टे संचालकों को विगत 09 मई से दिये जा रहे 05 दिवसीय व्यवहारिक प्रशिक्षण का शुक्रवार को अपर जिलाधिकारी/प्रभारी जिलाधिकारी चन्द्र सिंह इमलाल द्वारा प्रमाण पत्र वितरित कर समापन हुआ। प्रशिक्षण में जनपद के खाती, गोगिना, सूपी, लीती, शामा, कौसानी के 38 होमस्टे संचालकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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होमस्टे संचालकों को आईएचएम देहरादून के वरिष्ठ प्रवक्ता गौवर त्रिखा द्वारा दिया गया। त्रिखा द्वारा होमस्टे संचालकों को 05 दिन में हाउस क्लीनिंग, हाउस किपिंग, बेड मेकिंग, होमस्टे सजावट, व्यवहार कुशलता, आफिस स्किल, पंजीकरण, फर्स्टएड बाक्स खाना सर्व करना, किचन गार्डन आदि के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया।

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प्रशिक्षण समापन में होमस्टे संचालकों को संबोधित करते हुये प्रभारी जिलाधिकारी इमलाल ने कहा कि सभी प्रशिक्षक आईएचएम के प्रवक्ता द्वारा दिये गये प्रशिक्षण को व्यवहार में लाये ताकि बाहर से आने वाले पर्यटक आपके द्वारा दी जा रही सुविधाओं, व्यवस्थाओं और आपके व्यवहार से खुश होकर अधिक से अधिक दिन आपके होमस्टे में प्रवास करें व दुबारा अवश्य आयें तथा जब वो जायें तो अपने साथ काम करने वाले व रिश्तेदारों को भी अपने होमस्टे में भेजे। उन्होंने कहा होमस्टे का मतलब घर जैसा माहौल है, इसलिये पर्यटकों को होमस्टे में घर जैसा माहौल व भोजन उपलब्ध करायें।

उन्होंने कहा कि होमस्टे संचालक अपने होमस्टे के आसपास किचन गार्डन जरूर बनाये व पर्यटकों को किचन गार्डन का भ्रमण करायें तथा पर्यटकों को अपने किचन गार्डन से ताजा पहाड़ी सब्जियॉ, दालें व अन्य खानपान की चीजे परोसें। श्री इमलाल ने संचालकों से कहा कि अपने होमस्टे का प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया पर करें। उन्होंने जिला पर्यटन विकास अधिकारी को भी निर्देश दिये कि वे जनपद के सभी होमस्टे संचालकों के नाम, फोन नम्बर, स्थान वेबसाईट में डाले ताकि अधिक से अधिक पर्यटक होमस्टे की तरफ रूख कर सकें व होमस्टे संचालकों का मनोबल बढ़े व उनकी आय में वृद्धि हो सके।

पर्यटन विकास अधिकारी कीर्ति चन्द्र आर्या ने कहा कि जनपद में होमस्टे की अपार संभावनायें है। उन्होंने कहा कि पर्यटक यहॉ विश्व प्रसिद्ध पिण्डारी, कफनी, सुन्दढुंगा ग्लेशियरों के ट्रेक पर आते है, इसलिये उन्हें अच्छी होमस्टे सुविधा देकर आय बढाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि होम स्टे अल्ट्रा योजना के अन्तर्गत होम स्टे कमरे बनाने हेतु 60 हजार से 02 लाख तक तथा फर्नीचर खरीदने हेतु 25 हजार की धनराशि डीबीटी के माध्यम से दी जाती है। उन्होंने इस योजना का लाभ उठाने को कहा। समापन दिवस पर होम स्टे संचालकों से सुझाव व समस्यायें भी ली गयी ताकि उनका समाधान किया जा सके।