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…तो क्या लोगों को नहीं है जनता मिलन कार्यक्रम पर विश्वास, लगातार फरियादियों की संख्या में आ रही कमी, आखिर क्या है कारण

UTTRA NEWS DESK
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अल्मोड़ा। जनता की समस्याओं का जल्द से जल्द निस्तारण किया जा सकें, जिस कारण उन्हें विभागों, अधिकारियों के चक्कर न काटने पड़े, इस उद्देश्य के साथ प्रदेश सरकार की ओर से शुरू किए गए ‘जनता मिलन कार्यक्रम’ से लोगों का भरोसा उठते दिखाई दे रहा है। प्रत्येक सोमवार को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में अब काफी कम फरियादी अपनी ​फरियाद लेकर पहुंच रहे है।

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अन्य दिनों की भांति सोमवार को जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में जनता मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें केवल 7 शिकायतें फरियादियों द्वारा दर्ज कराई गई। जिसमें पेयजल, सड़क, नंदा गौरा योजना, सिंचाई से संबंधित शिकायतें शामिल थी। डीएम ने संबंधित अधिकारियों से मामले की जानकारी लेकर स्थलीय निरीक्षण कर शिकायतों का निस्तारण किए जाने के निर्देश दिए।

शुरूआती दौर के मुकाबले अब जनता मिलन कार्यक्रम में काफी कम फरियादी पहुंच रहे है। जिसके पीछे प्रमुख कारणों में एक लोगों की शिकायतों का समाधान नहीं होना है। बार—बार शिकायत के बाद भी संबंधित अधिकारी समस्या के प्रति गंभीर नहीं होते है जिसके कारण फरियादियों को जनता मिलन कार्यक्रम में भी विश्वास नहीं रहा।

गौरतलब है​ कि पिछले कई वर्षों से नगर में पेयजल, बंदरों का आतंक तथा ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली जानवरों का आतंक काफी गंभीर समस्याएं है। जिसका समाधान करने मे शासन व प्रशासन दोनों नाकाम साबित हुए है। दिसंबर माह से ठंड के दिनों में भी लोगों को जरुरत के मुताबिक पानी नहीं मिल पा रहा है। नगर से लगे लोधिया में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है स्थानीय व्यापारियों व लोगों को मजबूरन अच्छी खासी कीमत चुकाकर पानी खरीदना पड़ रहा है। कई बार ग्रामीण इस समस्या से निजात दिलाने के लिए जनता दरबार समेत सं​बंधित अधिकारियों से गुहार लगा चुके है लेकिन समस्या जस की तस है। क्षेत्रीय लोगों को अब जनता मिलन कार्यक्रम में विश्ववास नहीं रहा। स्थानीय लोगों का कहना है कि अधिकारियों द्वारा कार्यवाही के नाम पर कोरे आश्वासन दिए जा रहे है।

इसके अलावा नगर में कटखने बंदरों व आवारा कुत्तों की समस्या से लोगों का जीना दुभर हो गया है। राजनीतिक, सामाजिक समेत तमाम अन्य संगठनों के लोग कई बार नगरपालिका, प्रशासन व संबंधित विभागों से समस्या से निजात दिलाए जाने के लिए गुहार लगा चुके है, लेकिन बार—बार लोगों को सिर्फ कोरे आश्वासन दे दिए जाते है।