उत्तराखंड— सन्यास की नसीहत देने वालों पर पूर्व सीएम Harish Rawat (हरीश रावत) का निशाना, जानिए क्या कहा

Newsdesk Uttranews
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देहरादून, 23 नवंबर 2020
पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत (Harish Rawat) ने उन्हें राजनीति से सन्यास लेने की नसीहत देने वालों पर तीखा प्रहार किया है। विरोधियों पर वार करते हुए रावत ने कहा कि 2024 में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही वह राजनीति से सन्यास के बारे में सोचेंगे।

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कांग्रेस महासचिव व पंजाब प्रभारी हरीश रावत (Harish Rawat) ने आज सुबह अपने फेसबुक वॉल पर एक पोस्ट की। जिसमें रावत ने कहा कि कुछ ऐसे लोग भी मुझे मेरी चुनावी हार गिना रहे है, जो उस समय जन्म ले रहे थे। जब मैं पहली हार झेलने के बाद फिर युद्ध के लिए कमर कस रहा था

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क्या कहा कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत (Harish Rawat) ने

‘महाभारत के युद्ध में अर्जुन को जब घाव लगते थे, वो बहुत रोमांचित होते थे। राजनैतिक जीवन के प्रारंभ से ही मुझे घाव दर घाव लगे, कई-कई हारें झेली, मगर मैंने राजनीति में न निष्ठा बदली और न रण छोड़ा। मैं आभारी हूं, उन बच्चों का जिनके माध्यम से मेरी चुनावी हारें गिनाई जा रही हैं, इनमें से कुछ योद्धा जो आएसएस की क्लास में सीखे हुए हुनर, मुझ पर आजमा रहे हैं।

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वो उस समय जन्म ले रहे थे, जब मैं पहली हार झेलने के बाद फिर युद्ध के लिए कमर कस रहा था, कुछ पुराने चकल्लस बाज़ हैं जो कभी चुनाव ही नहीं लड़े हैं और जिनके वार्ड से कभी कांग्रेस जीती ही नहीं, वो मुझे यह स्मरण करा रहे हैं कि मेरे नेतृत्व में कांग्रेस 70 की विधानसभा में 11 पर क्यों आ गई!

ऐसे लोगों ने जितनी बार मेरी चुनावी हारों की संख्या गिनाई है, उतनी बार अपने पूर्वजों का नाम नहीं लिया है, मगर यहां भी वो चूक कर गये हैं। अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत व बागेश्वर में तो मैं सन् 1971-72 से चुनावी हार-जीत का जिम्मेदार बन गया था, जिला पंचायत सदस्यों से लेकर जिला पंचायत, नगर पंचायत अध्यक्ष, वार्ड मेंबरों, विधायकों के चुनाव में न जाने कितनों को लड़ाया और न जाने उनमें से कितने हार गये, ब्यौरा बहुत लंबा है मगर उत्तराखंड बनने के बाद सन् 2002 से लेकर सन् 2019 तक हर चुनावी युद्ध में मैं नायक की भूमिका में रहा हूं, यहां तक कि 2012 में भी मुझे पार्टी ने हैलीकॉप्टर देकर 62 सीटों पर चुनाव अभियान में प्रमुख दायित्व सौंपा।

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चुनावी हारों के अंकगणित शास्त्रियों को अपने गुरुजनों से पूछना चाहिए कि उन्होंने अपने जीवन काल में कितनों को लड़ाया और उनमें से कितने जीते? यदि अंकगणितीय खेल में उलझे रहने के बजाय आगे की ओर देखो तो समाधान निकलता दिखता है।(Harish Rawat)


त्रिवेंद्र सरकार के एक काबिल मंत्री जी ने जिन्हें मैं उनके राजनैतिक आका के दुराग्रह के कारण अपना साथी नहीं बना सका, उनकी सीख मुझे अच्छी लग रही है। मैं सन्यास लूंगा, अवश्य लूंगा मगर 2024 में, देश में राहुल गांधी के नेतृत्व में संवैधानिक लोकतंत्रवादी शक्तियों की विजय और राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही यह संभव हो पायेगा, तब तक मेरे शुभचिंतक मेरे संन्यास के लिये प्रतीक्षारत रहें।'(Harish Rawat)

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