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Vikas Dubey Encounter पर उठे सवाल, विपक्ष के नेताओं ने सरकार को घेरा

UTTRA NEWS DESK
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Vikas Dubey Encounter, photo source-ANI

Questions raised on Vikas Dubey Encounter

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कानपुर, 10 जुलाई 2202 कुख्यात बदमाश व कानपुर पुलिस हत्याकांड का मास्टरमाइंड विकास दुबे आज सुबह मुठभेड़ (Vikas Dubey Encounter) में मारा गया.

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पुलिस के इस एनकाउंटर (Vikas Dubey Encounter) पर अब कई सवाल खड़े होने लगे है. इधर विपक्षी नेताओं ने भी सरकार को इस मामले में घेरना शुरू कर दिया है.

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गौरतलब है कि कानपुर पुलिस हत्याकांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे ने बीते गुरुवार को उज्जैन के महाकाल मंदिर में सरेंडर कर दिया था. जिसके बाद मध्यप्रदेश पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंप दिया था. सरेंडर करने के ठीक 24 घंटे बाद यानि आज सुबह वह मुठभेड़ में मारा गया.

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विकास दुबे एनकाउंटर(Vikas Dubey Encounter) को लेकर प्रशांत कुमार, यूपी एडीजी-लॉ एंड ऑर्डर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने बताया कि आज सुबह जब उसे कानपुर के लिए लाया जा रहा था तो हाईवे पर भौंती के पास अचानक एसटीएफ का वाहन पलट गया. विकास दुबे इसी वाहन में बैठा था. उससे बार-बार आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया लेकिन वो नहीं माना. विकास दुबे को पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली मारी.

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इधर चिकित्सकों के मुताबिक विकास को ब्राड डैड अस्पताल लाया गया. चिकित्सकों ने मीडिया को बताया कि उसे कुल 4 गो​ली लगी थी. जिसमें 3 सीने व एक गोली उसके हाथ में लगी थी. इस घटना में 4 पुलिसकर्मी भी घायल हुए है.

विकास दुबे को उज्जैन से लाते समय दुर्घटना के बाद भले ही उसे मार गिराया हो, लेकिन पुलिस के इस एनकाउंटर(Vikas Dubey Encounter) के बाद कई तरह के सवाल खड़े होने लगे है. इस एनकांउटर को लेकर राजनीतिक सरगर्मी भी बढ़ गई है. अखिलेश यादव, जयंत चौधरी, प्रियंका गांधी वाड्रा और दिग्विजय सिंह समेत तमाम जानकारों ने इस पर सवाल उठाए हैं.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विकास दुबे के मुठभेड़ में मारे जाने पर उत्तर प्रदेश सरकार को घेरते हुए ट्वीट में कहा कि, ‘दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गई है.’

वही, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने विकास दुबे की मुठभेड़ में मौत के बाद ट्वीट कर कहा कि अपराधी का अंत हो गया लेकिन अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या होगा.

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राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी ने मुठभेड़ में विकास दुबे की मौत को लेकर कहा, ‘विकास दुबे के एनकाउंटर (Vikas Dubey Encounter) के बाद देश के सारे न्यायधीशों को इस्तीफा दे देना चाहिए. भाजपा के ठोक दो राज में अदालतों की जरूरत ही नहीं है.’

इधर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘यह पता लगाना आवश्यक है विकास दुबे ने मध्यप्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर को आत्मसमर्पण के लिए क्यों चुना, मध्यप्रदेश के कौन से प्रभावशाली व्यक्ति के भरोसे वो यहां उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर से बचने आया था?’

इसके अलावा कई जानकारों ने भी इस एनकाउंटर(Vikas Dubey Encounter) पर सवाल उठाए है. उनका कहना है कि काफिले में कई वाहन आ रहे थे. लेकिन सिर्फ वही वाहन क्यो पलटा जिसमें​ विकास दुबे बैठा था अगर इसे संयोग भी मान लिया जाए तो पुलिस ने उसके पैरों में गोली क्यों नहीं चलाई.

विकास दुबे को कानपुर लाए जाने के दौरान जैसे ही मुख्य शहर की ओर काफिले की एंट्री हुई तो पुलिस ने अन्य सभी वाहनों को रोक दिया. यहां तक की काफिले का पीछा कर रहे कई मीडियाकर्मियों के वाहनों को भी रोक दिया गया. जिससे पुलिसकर्मियों व मीडियाकर्मियों के बीच झड़प भी हुई. जिसके कुछ देर बाद विकास दुबे का एनकाउंटर हो गया.

इसके अलावा आत्मसर्पण करने के 24 घंटे के बाद कुख्यात बदमाश विकास दुबे के भागने के बात भी गले नहीं उतर पा रही है. आरोपी के हाथ हथकड़ी से बंधे क्यों नहीं थे ऐसे अन्य ऐसे कई सवाल है जो विकास दुबे के एनकाउंटर(Vikas Dubey Encounter) के बाद उठ रहे है. जिनका जवाब पुलिस को देना होगा.

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