अल्मोड़ा— प्रसूता की मौत (prasuta ki maut) मामले में महिला आयोग हुआ सख्त, जिला प्रशासन से की रिपोर्ट तलब

Newsdesk Uttranews
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अल्मोड़ा, 02 दिसंबर 2020
​अल्मोड़ा जिला अस्पताल में हुई प्रसूता की मौत (prasuta ki maut)
मामले में राज्य महिला आयोग ने सख्त रुख अपनाया है। जिले में गर्भवती व प्रसूताओं की लगातार हो रही मौत को लेकर डीएम को आयोग को तत्काल रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए है।

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जनपद में स्वास्थ्य विभाग में प्रर्याप्त सुविधाएं न होने व डॉक्टरों की लापरवाही से कई गर्भवती महिलाओं व प्रसूताओं (prasuta ki maut) को अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ा है।

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बीते 29 नवंबर को धौलादेवी विकास खंड निवासी एक महिला की यहां जिला अस्पताल में उपचार के दौरान मौत (prasuta ki maut) हो गई थी। चिकित्सकों ने आईसीयू के अभाव में महिला को हायर सेंटर रेफर कर दिया था। लेकिन परिजनों ने उसे हायर सेंटर ले जाने से मना कर दिया। जिसके कुछ समय बाद जिला अस्पताल में उपचार के दौरान महिला की मौत हो गई थी।

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कुछ माह पहले यहां कटारमल निवासी एक गर्भवती महिला की जिला अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। जिसमें चिकित्सकों की लापरवाही सामने आई थी। लेकिन आरोपी चिकित्सकों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।
जनपद में पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके है।

जिसमें गर्भवती महिलाएं व प्रसूता स्वास्थ्य विभाग की खामियों व चिकित्सकों की लापरवाही की भेंट चढ़ चुकी है।(prasuta ki maut)
इसके अलावा कनालीछीना, गगोलीहाट पिथौरागढ़ से रेफर हुई गर्भवती महिलाओं की उपचार के दौरान मौत हो गई थी।
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जिले में गर्भवती महिलाओं की लगातार हो रही मौत को लेकर राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष ज्योति साह मिश्रा ने जिलाधिकारी से जवाब मांगा है। पत्र में उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन के अधीन स्वास्थ्य विभाग क्यों लापरवाही बरत रहा है। विभाग की इस लापरवाही पर क्या कार्रवाई की गई। कहा कि जब राज्य सरकार सभी व्यवस्थाएं कर रही है तो गड़बड़िया कहा हो रही है। महिलाएं मरने का क्यों विवश है।

आयोग ने इन सभी बिंदुओं पर तत्काल अवगत कराने के निर्देश जिलाधिकारी को दिए है ताकि आवश्यक कार्रवाई की जा सके और प्रसूता व गर्भवती महिलाओं को अकारण मरने से बचाया जा सके।

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