पिथौरागढ़। जिलाधिकारी ने कहा कि रामगंगा की सफाई के लिए वृहद स्तर पर कार्य शुरू किया जाए। गंदे नालों व सीवेज को सीधे नदी में जाने से रोका जाए। उन्होंने सभी एसडीएम को निर्देशित किया कि नगर पालिका और नगर पंचायतों में उपलब्ध काम्पेक्टर मशीन, कूड़ा सेग्रेगेशन, डंपिंग यार्ड, मलमूत्र व ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कार्यों की जांच की जाए।
जिलाधिकारी डा.आशीष चौहान ने शुक्रवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक में संरक्षण कार्यों को लेकर सभी संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। डीएम ने कहा कि 20 कमरों से अधिक आवास वाले होटलों को चिन्हित कर उनमें सीवेज डिस्पोजल सिस्टम की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। रामगंगा नदी किनारे बसासतों में जहां भी कूड़ा व गंदे नाले सीधे नदी में डाले जा रहे हैं, उन स्थानों को चिन्हित करें।
कहा कि धारचूला, मुन्स्यारी, जौलजीबी व थल में एसटीपी लगाने के लिए आगणन उपलब्ध करें। उन्होंने थल में काम्पेक्टर मशीन लगने को भूमि चिन्हित करने, जौलजीबी, पंचेश्वर व थल में रिवरफ्रंट डेवलपमेंट का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजने और मुन्स्यारी, मुवानी, नाचनी, गणाई गंगोली, थल, कनालीछीना आदि स्थानों को खुले में शौचमुक्त करने के निर्देश दिए।