Mann ki baat- स्टार्टअप वेल्थ और वैल्यू पर यह बोले प्रधानमंत्री

Newsdesk Uttranews
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नई दिल्ली, 29 मई 2022। प्रधानमंत्री ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात की 89वीं कड़ी में आज देश को संबोधित करते हुए कहा कि इस महीने की पांच तारीख को देश में यूनीकॉर्न की संख्या 100 के आंकड़े के पार चली गई है। यूनीकॉर्न का मतलब साढ़े सात हजार करोड़ रुपये का स्टार्टअप है। इन यूनीकॉर्न का कुल वैल्यूशन 330 अरब डॉलर यानी 25 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक है।

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मोदी ने कहा, निश्चित रुप से यह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। आपको यह जानकार भी हैरानी होगी कि हमारे कुल यूनीकॉर्न में से 44 पिछले साल ही बने थे। सिर्फ इतना ही नहीं, इस वर्ष के तीन-चार महीने में ही 14 और नये यूनीकॉर्न बन गये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि वैश्विक महामारी के इस दौर में भी भारतीय स्टार्टअप वेल्थ (संपदा) और वैल्यू (मूल्य) का सृजन कर रहे है

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प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका मतलब यह हुआ कि वैश्विक महामारी के इस दौर में भी हमारे स्टार्टअप्स, वेल्थ और वैल्यू का सृजन करते रहे।

उन्होंने कहा, भारतीय यूनीकार्न का औसत वार्षिक विकास दर अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य कई देशों से अधिक है। विश्लेषकों का तो यह भी कहना है कि आने वाले वर्षो में इस संख्या में तेज उछाल देखने को मिलेगा। अच्छी बात यह भी है कि हमारे यूनीकॉर्न विविधता वाले हो रहे हैं। ये ई-कॉमर्स, फिनटेक, एडटेक और बायोटेक जैसे कई क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। एक और बात है, जिसे मैं ज्यादा अहम मानता हूं , वह यह है कि स्टार्टअप्स की दुनिया नये भारत को प्रदर्शित करती है।

मोदी ने कहा कि स्टार्टअप का इकोसिस्टम अब सिर्फ बड़े शहरों तक ही सीमित नहंी रहा है बल्कि छोटे-छोटे शहरों और कस्बों से भी उद्यमी सामने आ रहे हैं। इससे पता चलता है कि भारत में जिसके पास आइडिया है, वह वेल्थ का सृजन कर सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा, स्टार्टअप की दुनिया में एक और बात महत्वपूर्ण है और वह है-सही मार्गदर्शन। एक अच्छा मार्गदर्शक स्टार्टअप को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है और संस्थापकों को सही निर्णय लेने के लिए हर तरह से गाइड कर सकता है। मुझे इस बात पर गर्व है कि भारत में ऐसे बहुत से मार्गदर्शक हैं, जिन्होंने स्टार्टअप को आगे बढ़ाने के लिए खुद को समर्पित कर दिया है।

नरेंद्र मोदी ने श्रीधर वेम्बू का उदाहरण देते हुए कहा कि वह खुद एक सफल उद्यमी हैं लेकिन अब उन्होंने दूसरे उद्यमियों को भी रास्ता दिखाने का बीड़ा उठाया है। वह ग्रामीण युवाओं को गांव में रही रहकर कुछ करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। देश में मदन पडाकी जैसे लो भी हैं, जिन्होंने ग्रामीण उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए 2014 में वन ब्रिज के नाम से प्लेटफॉर्म शुरू किया।

उन्होंने कहा कि मीरा शेनॉय भी ऐसी ही मिसाल हैं। वह ग्रामीणख् आदिवासी और दिव्यांग युवाओं के लिए मार्केट लिंक्ड स्किल ट्रेनिंग के क्षेत्र में काम कर रही हैं।

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