बैंक रहित गांवों में बनाये गये कलस्टरों में बीसी की नियुक्ति करना सुनिश्चित करें -डीएम

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टनकपुर संवाददाता।

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बैंक रहित गांवों में बनाये गये कलस्टरों में बीसी की नियुक्ति करना सुनिश्चित करें, जिससे आमजन को गांव में ही बैंकिंग सुविधा उपलब्ध हो सके। जिलाधिकारी एसएन पाण्डे ने शुक्रवार देर सायं जिला सभागार में डीएलआरसी और डीसीसी समिति की त्रैमासिक बैठक में बोलते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि बीसी की नियुक्ति में कठिनाई होने पर गांव में कार्य कर रहे राशन विक्रेता, एसएचजी की महिला सदस्य को इस कार्य हेतु नियुक्त कर बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करायें। जिलाधिकारी ने लोगों की मांग एवं आवश्यकता को देखते हुए भगाना भंडारी तथा सूखीढ़ाग में सहकारी बैंक स्थापना हेतु प्रयास करने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने बैंकर्स से कहा आधारकार्ड आधार नम्बर सही न होने तथा अन्य कारणों से बैंक खाता संचालित न होने पर खाताधारक को बैंक में ही सुविधा देते हुए आधार नम्बर बैंक में ही सही कर खाताधारक का बैंक खाता संचालित करायें जिससे विभिन्न सरकारी योजनाओं से लाभान्वित लोगों की धनराशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रासफर योजना के अन्तर्गत उनके खाते में पहुंच सके। अग्रणी बैंक प्रबंधक एसी जोशी ने बताया कि माह अगस्त तक 356044 एक्टिव खातों के सापेक्ष 293545 खातों कि आधार सीडिंग हो चुकी है, जिस पर जिलाधिकारी ने शतप्रतिशत खातों को आधार से लिंक करने के निर्देश दिये। जोशी ने बताया कि प्रधानमंत्री जनधन योजना में 53329, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना में 10614, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में 39249 तथा अटल पेंशन योजनान्तर्गत 2008 खाते आधार से लिंक कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि पोटेंशियल लिंक्ड प्लान आधारित वार्षिक ऋण योजना के 259.95 करोड़ लक्ष्य के सापेक्ष त्रैमास जून तक 70.43 करोड़ की उपलब्धि हांसिल की गई है। उन्होंने बताया लघु उद्योग में 73.24 करोड़ लक्ष्य के सापेक्ष 63.05 प्रतिशत तथा कृषि क्षेत्र में 119.98 करोड़ लक्ष्य के सापेक्ष 16.43 प्रतिशत उपलब्धि रही, जिस पर जिलाधिकारी ने कृषि क्षेत्र की न्यून उपलब्धि पर चिन्ता व्यक्त करते हुए सभी बैंकर्स को कृषि क्षेत्र उभारने में सहयोगी की भूमिका अदा करने को कहा।
अग्रणी बैंक प्रबंधक ने बताया एनआरएलएम योजना में बैंकों को प्रेषित आवेदनों में आ रही दिक्कतों को दूर कर लिया गया है और अधिकतर आवेदनों पर स्वीकृति दे दी गई है। एनयूएलएम योजना में बैकों को न्यून आवेदन भेजने पर जिलाधिकारी ने नाखुशी जाहिर करते हुए अधिक से अधिक आवेदन बैकों को भेजने के निर्देश दिए। बैकर्स ने बताया पीएमईजीपी योजना में 138 आवेदनों के सापेक्ष 86 आवेदन, वीर चर्न्दसिंह गढ़वाली योजना के घट वाहन मद में 10 के लक्ष्य के सापेक्ष 6 आवेदन स्वीकृति हो गये हैं। जिलाधिकारी ने गैर वाहन मद तथा होम स्टे में बैंकों को आवेदन प्रेषित न करने पर नाराजगी व्यक्त की। जोशी ने बताया प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में 12 आवेदन पर 123 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने बताया शिक्षा ऋण के अन्तर्गत 29.55 लाख तथा 5 एसएचजी को 15 लाख की धनराशि ऋण के रूप में वितरित हो गई है। उन्होंने बताया कि गंगा गाय महिला डेरी योजना में 65 के लक्ष्य के सापेक्ष 80 आवेदन बैंकों को प्राप्त हुए थे जिनमें से 69 आवेदन स्वीकृत हो गये हैं।
जिलाधिकारी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अधिक से अधिक किसानों को आच्छादित करने के निर्देश मुख्य कृषि अधिकारी को दिए। उन्होंने बैंकर्स को ग्रामीण क्षेत्रों में कैम्प कर किसानों को केसीसी उपलब्ध कराने तथा 2022 तक किसानों की आय दो गुना करने के लिए बकरी पालन, मुर्गी पालन, मुधुमक्खी पालन, मछली पालन सहित कृषि, डेरी, औद्यानिक क्षेत्र में अधिक से अधिक निवेश हो सके इसके लिए बैंकर्स को लचीला रूख अपनाने तथा रेखीय विभागों को कृषकों के अधिक से अधिक आवेदन बैंकों को प्रेषित करने को कहा। बैठक में ऋण जमा अनुपात, भूलेख सुधार, कौशल विकास आदि पर चर्चा हुई।
बैठक में अपर जिलाधिकारी टीएस मर्तालिया, डीडीएम नाबार्ड अमित पाण्डे, पीडी एचजी भट्ट, एपीडी विम्मी जोशी, सहायक निदेशक डेरी एनएस डुगरियाल, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा.बीएस जंगपांगी, प्रभारी अधिकारी जीडी पाण्डेय, निदेशक आरसेटी जनार्दन चिल्कोटी सहित सभी बैंकर्स उपस्थित थे।

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