34 साल बाद भारत की नई शिक्षा नीति (education policy), 4 साल का होगा स्नातक, 1 साल का मास्टर, जीडीपी का 6% शिक्षा में खर्च का अनुमान

Newsdesk Uttranews
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education policy 2020 approved by cabinet

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दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने शिक्षा व्यवस्था में बड़ा परिवर्तन करते हुए 34 साल बाद नई शिक्षा नीति को लागू करने की मंजूरी दे दी है। कैबिनेट बैठक में लिए इस फैसलों की जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी।

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उन्होंने बताया कि भविष्य की मांग के अनुसार शिक्षा व्यवस्था में परिवर्तन करना अनिवार्य था। केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम भी परिवर्तित कर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है।

New Education Policy 2020 की खास बातें

  • पांचवी तक पढ़ाई के लिए मातृ भाषा या स्थानीय भाषा के जरिए होगी
  • छठी कक्षा के बाद से ही वोकेशनल एजुकेशन की शुरुआत
  • यूनिवर्सिटीज और उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए कॉमन एन्ट्रेंस एग्जाम होंगे
  • लीगल और मेडिकल कॉलेजों को छोड़कर सभी उच्च शिक्षण संस्थानों का संचालन एकल नियामक (सिंगल रेग्युलेटर) के जरिए होगा
  • नई शिक्षा नीति के तहत एमफिल कोर्सेज को खत्म किया गया
  • सभी सरकारी और निजी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए एक तरह के मानदंड होंगे
  • बोर्ड परीक्षा रटने पर नहीं बल्कि ज्ञान के इस्तेमाल पर अधारित होगी
  • संस्थानों के पास ओपन डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन कार्यक्रम चलाने का विकल्प होगा
  • उच्च शिक्षा के लिए बनाए गए सभी तरह के डीम्ड और संबंधित विश्वविद्यालय को सिर्फ अब विश्वविद्यालय के रूप में ही जाना जाएगा
  • हर छात्र की क्षमताओं को बढ़ावा देना प्राथमिकता होगी
  • छात्रों के लिए कला और विज्ञान के बीच कोई कठिनाई, अलगाव नहीं होगा।

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