Congratulations: Champawat’s daughter, who runs a mule in poverty, performed brilliantly in the 10th
चम्पावत, 09 जून 2022- उत्तराखंड में बेटियों ने बोर्ड रिजल्ट में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। अधिकांश ने सीमित संसाधनों में भी परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। (Congratulations)
और यह बात साबित की है कि बेटियों को थोड़ा सा भी सार्थक सहयोग मिले तो वह हर चुनौती में सफल होंगी।
चम्पावत जिले की एक बालिका शोभा ने 10 वीं की परीक्षा में 70 प्रतिशत अंक हासिल कर अपना लोहा मनवाया है।
शोभा वही बच्ची है जिसका वीडियो पिछले साल वायरल हुआ था जिसमें वह घर का खर्च चलाने को खच्चर हांकते हुए दिख रही थी। तब पता चला था कि उसके पिता बीमार हैं इसलिए अपनी पढ़ाई को बाधित कर वह खच्चर चलाने को मजबूर हुई थी। शोभा तब 10वीं में गई थी। वीडियो वायरव होने के बाद तत्कालीन विधायक कैलाश गहतोड़ी ने बिटिया से बात कर पूरी मदद का आश्वासन दिया था।
इस बार शोभा 10 वीं थी और पाटी ब्लाँक के जीआईसी बालातड़ी से उन्होंने 10वीं की परीक्षा में 70 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं।
उसकी इस सफलता की कहानी खुद पूर्व विधायक कैलाश गहतोड़ी ने सोशल मीडिया में शेयर की है।अब लोग खूब बधाई दे रहे हैं।(Congratulations)
सोशल मीडिया में कैलाश गहतोड़ी ने लिखा है –
“कितना संतोष मिलता है जब आपका का एक छोटा सा प्रयास किसी को एक नई दिशा दे देता है।शोभा बेटी ने 10वीं की परीक्षा में 70 फ़ीसदी नंबर लाकर ये साबित कर दिया कि पहाड़ जैसी मुश्किलें भी हमारी बेटियों के हौसले को तोड़ नहीं सकती।आपको याद होगा कि ग़रीबी के चलते शोभा घोड़ा चलाने को मजबूर हो गई थी।पिता बीमार थे और घर चलाने के लिए पैसे तक नहीं थे।तब मैंने शोभा को एक पिता के रूप में ये विश्वास दिलाया था कि वो सारे काम छोड़कर सिर्फ़ अपना पढ़ाई पर ध्यान दे।आज शोभा ने अपनी ख़ुशी मुझसे साझा की तो मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। मैंने शोभा को विश्वास दिलाया है कि उसकी भविष्य की पढ़ाई में संसाधन कहीं आड़े नहीं आएंगे। मैं उसकी पढ़ाई का सारा खर्च वहन करूँगा।सच बताऊँ तो हमारा जीवन का ध्येय यहीं होना चाहिए। मेरा भी बस एक मात्र उद्देश्य है कि हमारा चम्पावत भी आगे बढ़े।हमारी बेटियां भी ख़ूब पढ़ लिखकर अपने पैरों पर खड़े हो जाएँ।”
सोशल मीडिया में ही अन्य लोग लिख रहे हैं –
“आप लोगो ने इस बच्ची को पहचाना ये रा•इ•का बालातडी ब्लाक- पाटी जिला चम्पावत की शोभा है जो गरीबी के चलते पढाई छोड़कर घोडा चराने को विवश हो गई क्योकि शोभा के पापा बीमार रहने लगे घर की आजीविका घोडे से ही आती थी शोभा से माता पिता की सेवा को समर्पित होकर पढाई छोड़कर घोडा चराने को मजबूर हो गयी जब ये बात चम्पावत के पूवॅ विधायक कैलाश चन्द्र गहतोडी को पता चली उन्होने शोभा की पढाई का सारा जिम्मा अपने ऊपर ले लिया आज शोभा 70 फीसदी अंक लाकर साबित कर दिया पहाड की बेटियो के हौसले बुलंद है।