अल्मोड़ा— जैव विविधता अधिनियम (Biodiversity Act) को ग्राम स्तर पर लागू करने के लिए प्रशिक्षण जरुरी: डॉ. रावल

Newsdesk Uttranews
4 Min Read

Almora- Biodiversity Act ko gram istar par lagu karne ke liye prashikshan jaruri: dr. rawal

Screenshot-5

अल्मोड़ा, 26 नवंबर 2020
गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, कोसी-कटारमल में उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड, देहरादून द्वारा उत्तराखंड के लगभग 50 ग्राम पंचायत अधिकारियों एवं तकनीकी सहायता समूहों को जैव विविधता अधिनियम— 2002 (Biodiversity Act) एवं जैव विविधता प्रबंधन समिति के गठन पर 3 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन वेबिनार के माध्यम से किया गया।

holy-ange-school

all india strike – अल्मोड़ा में गरजे कर्मचारी, केन्द्र और राज्य सरकार की नीतियों को बताया मजदूर, किसान और जन विरोधी

जिसमें संस्थान के निदेशक डॉ. रणवीर सिंह रावल एवं संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जीसीएस नेगी, डॉ. इन्द्र दत्त भट्ट, उत्तराखण्ड जैव विविधता बोर्ड के सचिव एसएस रासाली, राष्ट्रीय जैव विविधता अभिकरण चेन्नई के अध्यक्ष डॉ. वीबी माथुर एवं जीआईजेड की टीम लीडर डॉ. गीता नायक ने प्रतिभाग किया।

ezgif-1-436a9efdef

कार्यक्रम में पर्यावरण संस्थान के निदेशक डॉ. आरएस रावल ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए बताया कि जैव विविधता प्रबंधन एवं संरक्षण को जैविविधता प्रबंधन समिति (BMC) एवं लोक जैवविधिता रजिस्टर(PBR) के माध्यम से पूरा किया जा सकता है।

ग्राम स्तर पर जैवविविधता अधिनियम (Biodiversity Act) को लागू करने के लिए प्रशिक्षणार्थीयों को प्रशिक्षण(ToT) की बहुत जरूरत है। उन्होनें बताया कि किसी भी राज्य में एक संस्थान यह कार्य अकेले नही कर सकता है इसलिए(ToT) बहुत आवश्यक है।

जीआईसी हवालबाग के बच्चों ने लिया संविधान(constitution) को अक्षुण रखने का संकल्प

डा0 जीसीएस नेगी द्वारा प्रशिक्षण के प्रारूप के विषय में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड जैव विविधता बोर्ड के 19 तकनीकी समूहों के माध्यम से प्रशिक्षक का चयन किया गया है। इस प्रशिक्षण की उपयोगिता को बताते हुए डॉ. नेगी ने बताया कि कैसे हम प्रशिक्षक को प्रशिक्षण दे कर उन्हें लोक जैव-विविधता रजिस्टर (PBR) बनाने हेतु तैयार कर सकते है। कार्यक्रम में डॉ. वीबी माथुर ने जैव विविधता सभी के लिए महत्वपूर्ण विषय है एवं इस प्रशिक्षण को मेहनत के साथ आयोजन करना है।

इस समय महामारी को देखते हुए जैव-विविधता का महत्व और अधिक हो गया है। इसलिए इसका संरक्षण करना बहुत जरूरी है। उत्तराखंड इस विषय पर बहुत अच्छा कार्य कर रहा है एवं व्यवस्था के अनुसार इस कार्य हेतु चुना गया है।

डॉ. गीता नायक ने उत्तराखण्ड से जुडे सभी जिलों से जुड़े 92 प्रशिक्षकों एवं 44 लोगों का धन्यवाद किया उन्होने बताया कि जैव विविधता समिति एक महत्वपूर्ण त्रंत है। जो सीधे फील्ड पर कार्य करता है। डॉ. आईडी भट्ट द्वारा जैव विविधता अधिनियम 2002 (Biodiversity Act) के विषय में जानकारी दी एवं बताया गया कि कैसे जैवविविधता प्राधिकरण, राज्य जैवविविधता बोर्ड तथा जैव विविधता प्रबंधन समिति मिलकर कैसे कार्य करती है।

Corona in almora— गुरुवार को मिले कोरोना के 12 नए मरीज, संक्रमितों की संख्या पहुंची 2327

डॉ. केसी सेकर ने उत्तराखण्ड में पायी जाने वाली जैव विविधता के विषय में अवगत करते हुए उनके उपयोग एवं महत्व पर जानकारी दी।

कृपया हमारे youtube चैनल को सब्सक्राइब करें

https://www.youtube.com/channel/UCq1fYiAdV-MIt14t_l1gBIw


Joinsub_watsapp