shishu-mandir

उत्तराखंड के लिए गर्व का पल, जनकवि बल्ली सिंह चीमा (Balli Singh Cheema) को पंजाब सरकार ने साहित्य शिरोमणि पुरस्कार के लिए चुना

Newsdesk Uttranews
3 Min Read

uttarakhand- Balli Singh Cheema for Sahitya Shiromani Award

Screenshot-5

उधमसिंह नगर, 04 दिसंबर 2020
जाने माने जनकवि व राज्य आंदोलनकारी बल्ली सिंह चीमा (Balli Singh Cheema) को पंजाब सरकार ने साल 2018 के साहित्य शिरोमणि पुरस्कार के लिए चुना है।

new-modern
gyan-vigyan

बैठकी होली(Baithaki holi )- कुमाँऊं में सजने लगी होली की महफिलें

पंजाब सरकार ने 18 अलग—अलग वर्गों के लिए साहित्य रत्न और शिरोमणि पुरस्कारों का ऐलान किया है। जिनमें से शिरोमणि हिंदी साहित्यकार का 5 लाख रुपये के पुरस्कार में बल्ली सिंह चीमा (Balli Singh Cheema) के नाम की घोषणा की है।

बल्ली सिंह चीमा उत्तराखंड राज्य के प्रमुख कवियों में गिने जाते हैं। उनकी लिखी कविताएँ अंधेरे में मशाल की भाँति कार्य करती हैं। अन्याय और जुल्म के ख़िलाफ़ जब भी लोग सड़क पर उतरते है तो ‘ले मशालें चल पड़े हैं लोग मेरे गांव के..! जैसे उनके कालजयी जनगीत हमेशा लोगों की जुबान पर रहते है।

यही नहीं सुन्दरलाल बहुगुणा, बाबा आम्टे और मेधा पाटेकर जैसे सक्रिय समाज सेवियों ने बल्ली सिंह की कविताओं और जन गीतों को अपनाया है।

साहित्य शिरोमणि पुरस्कार के लिए उनके नाम की घोषणा होने के बाद उन्हें चौतरफा बधाई मिल रही है। सोशल मीडिया में उन्हें लगातार बधाई मिल रही है।

अल्मोड़ा में गठित हुआ एजुकेशनल ट्रस्ट(educational trust), मेधावियों को मिलेगा लाभ

आपके पसंदीदा न्यूज पोर्टल ‘उत्तरा न्यूज’ से हुई बातचीत में बल्ली​ सिंह चीमा (Balli Singh Cheema) ने कहा कि यह पुरस्कार उत्तराखंड के उन व्यक्तियों का सम्मान है जो इंसाफ की लड़ाई लड़ते हुए आ रहे है। उन्होंने इस पुरस्कार के लिए पंजाब सरकार का आभार जताया है।

बताते चले कि बल्ली सिंह चीमा का जन्म 2 सितंबर, 1952 में चीमाखुर्द गाँव, जिला अमृतसर, पंजाब में हुआ। चीमा ने स्नातक के समकक्ष प्रभाकर की डिग्री गुरु नानक विश्वविद्यालय, अमृतसर से प्राप्त की है। वर्तमान में उनका निवास उत्तराखंड के सुल्लतानपुर पट्टी, उधमसिंह नगर में है।

प्रसिद्ध जनकवि बल्ली सिंह चीमा को मिले पुरस्कारों की फेहरिस्त तो वैसे बहुत लंबी है उन्हें ‘देवभूमि रतन सम्मान’ (2004), ‘कुमाऊँ गौरव सम्मान’ (2005), ‘पर्वतीय शिरोमणि सम्मान’ (2006), ‘कविता कोश सम्मान’ (2011), उत्तराखंड राज्य आंदोलन की जटिल चुनौती को पूरी रचनात्मक सक्रियता से स्वीकार करने ​हेतु ‘गंगाशरण सिंह पुरस्कार’ से सम्मानित किया जा चुका है। (स्रोत— केंद्रीय हिंदी संस्थान)

कृपया हमारे youtube चैनल को सब्सक्राइब करें

https://www.youtube.com/channel/UCq1fYiAdV-MIt14t_l1gBIw/