अल्मोड़ा- नहीं रहीं गुलामी के दौर की आमा, 103 वर्ष की उम्र की वृद्धा का निधन (died)

Newsdesk Uttranews
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Almora – the slavery era, died at the age of 103

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धौलछीना(अल्मोड़ा), 28 नवंबर 2020- गुलामी का दौर, उसके बाद आजादी की गवाह धौलछीना के दियारी क्षेत्र की सबसे बुजुर्ग महिला ने 103 बसंत देखने के बाद दुनिया को अलविदा(died) कह दिया।

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विकासखंड के दियारी गांव निवासी रेबुली देवी कुछ समय से बीमार थी। शतायु पारकर 103 साल की उम्र के इस पड़ाव में जहां अपनी चौथी पीढ़ी को आंगन में खेलते देखा, वही चार में से दो बेटों तथा बेटियों को खोने का गम भी सहा।(died)

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गांव में आमा के नाम से जानी जाने वाली रेबुली देवी का 103 वर्ष की आयु में शुक्रवार रात निधन (died)हो गया। परिजनों के अनुसार वह कुछ समय से बीमार थी। उनके पति गोपाल सिंह तथा दो बेटे पहले ही दुनिया छोड़ चुके हैं।

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ग्रामीणों के अनुसार 1917 में जन्मी आमा रेबुली देवी क्षेत्र की सबसे बुजुर्ग महिलाओं में गिनी जाती थी। हालांकि उन्हें अपने दो बेटे खोने का गम हमेशा रहा लेकिन चौथी पीढ़ी की संताने देख उन्हें जीने का हौसला भी मिला।

रेबुली आमा ने अपने 18 पड़पोते तथा पड़पोतियों को गोदी में खिलायाऔर निरोगी रहते हुए उम्र का शतक पूरा किया।

ग्रामीणों के अनुसार गुलामी का दौर देख चुकी यह बुजुर्ग महिला ने देश को आजाद होते हुए देखा। यही नहीं विकास के पहियों के साथ ही बदलते जमाने में आने वाली पीढ़ियों के बदलाव से भी रूबरू हुई और उसकी गवाह बनी।

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आमा की अंतिम यात्रा में क्षेत्र के तमाम सामाजिक संगठनों तथा आसपास के गांव के ग्रामीण शामिल हुए। उनके सबसे छोटे पुत्र पूरन सिंह ने रेबुली देवी को मुखाग्नि दी।

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