Allegation: The doctor left the room because of not coming on the line on the patients
पिथौरागढ़, 23 जुलाई 2022- जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने आरोप लगाया है कि
जिला अस्पताल में ईनटी सर्जन (doctor) मरीजों के लाइन से नहीं आने पर मरीजों से नाराज़ होकर अपने कक्ष को छोड़कर चले गए।
उन्होंने कहा कि सुबह से डॉक्टर (doctor)के आने का इंतजार कर रहे मरीजों की फजीहत देखकर उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ केसी भट्ट को फोन पर घटनाक्रम बताते हुए शिकायत की। तब जाकर एक घंटे के बाद डाक्टर साहब आएं।
मर्तोलिया ने कहा कि जिला अस्पताल में आज सुबह से ही ईएनटी सर्जन के कक्ष के सम्मुख मरीजों की भारी भीड़ जमा थी। ईएनटी सर्जन डॉ कविता लोहनी अवकाश पर है। इस कारण डॅा विभोर को मरीजों को देखना था।
उन्होंने आरोप लगाया कि जिला अस्पताल में कोई भी डॉक्टर(doctor) बारह बजे से पहले ओपीडी में बैठता नहीं है।
उन्होंने कहा कि डॉक्टर ने आज दो चार मरीज देखे कि लाइन से मरीजों के नहीं आने का बहाना बनाकर मरीजों के ऊपर गुस्सा दिखाते कक्ष छोड़कर चले गए। अस्पताल प्रशासन की अवस्था का ठीकरा भी जिले के दुरस्थ क्षेत्रो के मरीजों के सिर फोड़ने वाले थे।
करीबन 75 से अधिक मरीज बैठकर तथा खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे।
ईएनटी स्पेशलिस्ट के कक्ष छोड़कर चले जाने से सबसे अधिक निराश दुरस्थ क्षेत्रों से आने वाले मरीज होने लगे।
मुनस्यारी के सांई पोलू से पहुंचे माली देवी ने अपने क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया को ईएनटी सर्जन के व्यवहार के बारे में बताया।
जिपं सदस्य जगत मर्तोलिया ने जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ केसी भट्ट तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एचएस ह्यांकी को फोन से इसकी जानकारी दी। दोनों अधिकारियों ने मामले की जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
मर्तोलिया ने कहा कि एक घंटे के बाद सर्जन ने आकर रुके हुए मरीजों को देखा। तब तक अधिकांश मरीज दुरदराज के होने के कारण चले गए थे।
उन्होंने कहा कि वेतनभोगी डॉक्टर (doctor)की यह गंभीर लापरवाही है। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल इस तरह की अव्यवस्थाओं से घिरता जा रहा है। उन्होंने कहा कि डाक्टरों को मानव समाज के प्रति जिम्मेदारी का एहसास कराने के लिए समाज विज्ञान का प्रशिक्षण दिया जाना अत्यंत आवश्यक है।
मर्तोलिया ने कहा कि इस गंभीर लापरवाही के मामले में उच्चस्तरीय जांच करके दोषी डॉक्टर का एक दिन का वेतन काटा जाय तथा भविष्य में इस तरह की हरकत नहीं करने का लिखित स्पष्टीकरण मांगा जाय।
उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करने पर 4 जुलाई को होने वाली जिला पंचायत की बैठक में वे स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ सदन के भीतर धरना प्रदर्शन करेंगे।