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उनकी टिप्पणी ब्रिटिश सिख सैनिकों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के दौरान आई, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक के दौरान जनरल बाजवा ने कहा कि, पाकिस्तान सभी धर्मो का सम्मान करता है और देश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की जरूरत को समझता है।
ब्रिटिश सिख सैनिकों के प्रतिनिधिमंडल ने कबायली जिलों में शांति और सामान्य स्थिति लाने के लिए पाकिस्तानी सेना के प्रयासों की सराहना की।
प्रतिनिधिमंडल, जिसमें 12 सदस्य शामिल थे, जिन्होंने जनरल हेडक्वार्टर (जीएचक्यू) का दौरा किया, का नेतृत्व डिप्टी कमांडर फील्ड आर्मी यूके मेजर जनरल सेलिया जे हार्वे ने किया।
प्रतिनिधिमंडल ने लाहौर का दौरा किया जहां उसने वाघा सीमा पर ध्वजारोहण समारोह देखा। इसने लाहौर किला, अल्लामा इकबाल मकबरे और बादशाही मस्जिद का भी दौरा किया।
अपने प्रवास के दौरान, ब्रिटिश सिख सैनिकों ने दरबार हजरत मियां मीर, हवेली नौ निहाल सिंह, गुरुद्वारा जन्म स्थान गुरु राम दास, समाधि महाराजा रणजीत सिंह, गुरुद्वारा डेरा साहिब, करतारपुर कॉरिडोर, ननकाना साहिब और डेरा पंजा सहित देश के कई धार्मिक स्थलों का दौरा किया।
आईएसपीआर ने कहा कि, प्रतिनिधिमंडल ने ओरकजई जिले का भी दौरा किया और समाना किला, लॉकहार्ट किला और सारागढ़ी स्मारक देखा, जहां उसने माल्यार्पण किया।
यह वह स्थान था जहां 1897 में एक ब्रिटिश अभियान के हिस्से के रूप में 21 सिख सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी और सिखों के लिए इसका ऐतिहासिक महत्व है।
--आईएएनएस
पीटी/एसजीके