खबरें अब पाए whatsapp पर
Join Now
कराची, 25 जून (आईएएनएस)। आर्थिक संकट से निपटने के लिए पाकिस्तान के उच्च शिक्षा आयोग (एचईसी) ने सार्वजनिक क्षेत्र के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों (वीसी) को स्थानीय पेय पदार्थों की खपत को बढ़ावा देने का सुझाव दिया है। इन पेय पदार्थो में लस्सी और सत्तू शामिल है। इससे रोजगार में वृद्धि होगी और जनता के लिए आय उत्पन्न होगी। मीडिया रिपोटरें में यह जानकारी दी गई है।
एक सकरुलर में, एचईसी की कार्यवाहक चेयरपर्सन शाइस्ता सोहेल ने कुलपतियों का ध्यान पाकिस्तान के सामने आने वाले वित्तीय संकट की ओर आकर्षित किया और उनसे नेतृत्व की भूमिका निभाने और निम्न-आय वाले समूहों और समग्र रूप से अर्थव्यवस्था को राहत प्रदान करने के लिए नवीन तरीकों के बारे में सोचने के लिए कहा।
सुझावों में स्थानीय चाय बागानों को बढ़ावा देना और लस्सी और सत्तू जैसे पारंपरिक पेय भी शामिल हैं जो स्थानीय रूप से निर्मित और स्वास्थ्यकर होते हैं। इससे रोजगार में वृद्धि होगी और जनता के लिए इन पेय पदार्थों के निर्माण में शामिल आय भी उत्पन्न होगी। जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, चाय के आयात पर होने वाला खर्च भी कम होगा।
सोहेल ने कहा, मुझे यकीन है कि माननीय कुलपति रोजगार पैदा करने, आयात कम करने और आर्थिक स्थिति को आसान बनाने के लिए कई अन्य रास्ते तलाशने में सक्षम होंगे।
अध्यक्ष के सुझाए गए उपायों में जीवाश्म ईंधन के आयात को कम करना शामिल है; मोटरसाइकिल, बसों, ट्रेनों, कारों आदि में आयातित जीवाश्म ईंधन के विकल्प के रूप में वैकल्पिक ऊर्जा में अनुसंधान को बढ़ावा देना; खाद्य तेल आयात को कम करना; और आयातित खाद्य तेलों को बदलने के लिए स्थानीय खाना पकाने के तेलों और उनके विपणन पर अनुसंधान करना शामिल है।
पाकिस्तान चालू खाते के बढ़ते घाटे, घटते विदेशी मुद्रा भंडार और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के ऋण समझौते के पुनरुद्धार में देरी से जूझ रहा है।
--आईएएएस
आरएचए/एएनएम