महाराष्ट्र संकट गहराते ही सभी की निगाहें शरद पवार पर टिकीं

Newsdesk Uttranews
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महाराष्ट्र संकट गहराते ही सभी की निगाहें शरद पवार परनई दिल्ली, 21 जून (आईएएनएस)। मंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के 21 विधायकों के बगावत के बाद महाराष्ट्र सरकार पर अस्तित्व का खतरा मंडरा रहा है। उद्धव ठाकरे सरकार के अब तक के सबसे बड़े राजनीतिक संकट में हस्तक्षेप करने के लिए सभी की निगाहें अब राकांपा सुप्रीमो शरद पवार पर टिकी हैं।

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शिवसेना पर बीजेपी के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद तीन पार्टियों- कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना के नेतृत्व को झटका लगा है। कांग्रेस ने अपने प्रदेश प्रभारी एच.के. पाटिल को रवाना कर दिया है और पवार भी सरकार बचाने के लिए मुंबई पहुंच रहे हैं।

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जबकि कांग्रेस ने यह सुनिश्चित किया है कि उनका झुंड एक साथ है, एमएलसी चुनावों में मनमुटाव के संकेत स्पष्ट हैं, क्योंकि कांग्रेस का दूसरा उम्मीदवार भाजपा से हार गया और राज्यसभा चुनावों में भी, भाजपा इसे हासिल करने में सफल रही। हालांकि, कांग्रेस को भरोसा है कि शरद पवार उस सरकार को बचाएंगे, जो एमवीए की कुंजी है।

लेकिन बीजेपी ने सभी नेताओं को चौंका दिया है, क्योंकि उद्धव ठाकरे का विरोध करने वाले विधायक सूरत चले गए हैं। कांग्रेस के एक नेता ने सरकार गिरने की आशंका जताते हुए कहा कि यह मध्य प्रदेश जैसा ऑपरेशन हो सकता है।

शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि यह कभी नहीं बताया गया कि शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा है। महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक संकट का समाधान जल्द ही खोजा जाएगा।

पवार ने विपक्ष की बैठक से पहले मीडियाकर्मियों से कहा, शिंदे ने हमें कभी नहीं बताया कि वह (महाराष्ट्र का) मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। मुख्यमंत्री का पद शिवसेना का है और यह उस पार्टी का आंतरिक मुद्दा है।

उन्होंने कहा, हम जल्द ही इस स्थिति से बाहर निकलने का रास्ता ढूंढेंगे। सीएम का पद शिवसेना का है, डिप्टी सीएम का एनसीपी का है। शिवसेना जो भी फैसला करेगी, हम उनके साथ हैं।

भाजपा अपने विधायकों के अवैध शिकार से भी सावधान है। वह अपने सभी 106 विधायकों को अहमदाबाद के पास एक रिसॉर्ट में रखने के लिए गुजरात ले जा रही है।

सूत्रों ने कहा, एक बार भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ एकनाथ शिंदे की बैठक खत्म होने के बाद, वह उद्धव ठाकरे कैबिनेट में मंत्री के रूप में अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंपेंगे।

पूरा ऑपरेशन एमएलसी चुनाव के बाद शुरू हुआ। दो जत्थे में शिवसेना के 25 विधायक मंगलवार तड़के सूरत पहुंचे, जबकि तीसरा दल मंगलवार शाम को फ्लाइट से सूरत पहुंचा।

–आईएएनएस

एचके/एएनएम

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