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ओडिशा में अग्निपथ का विरोध, कटक में आंदोलनकारी-पुलिस आमने-सामने

Newsdesk Uttranews
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1655451959 131 उत्तराखंड में भी अग्निपथ को लेकर विरोध सड़कों पर उतरेभुवनेश्वर, 17 जून (आईएएनएस)। सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ शुक्रवार को ओडिशा के कटक शहर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। यहां प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और पुलिस के साथ उनका आमना-सामना हुआ।

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पुलिस ने कहा कि नई योजना को खत्म करने, आयु में छूट और सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीईई) आयोजित करने की मांग करते हुए, सैकड़ों नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों ने कटक में छावनी रोड पर सेना भर्ती कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया।

कुछ उम्मीदवारों ने सड़क किनारे लगे होर्डिग और पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ दिया। रिंग रोड को जाम करने की कोशिश के दौरान प्रदर्शन कर रहे उम्मीदवारों का पुलिस के साथ भी आमना-सामना हो गया, जिससे यातायात सेवाएं बाधित हो गईं। स्थिति तनावपूर्ण होने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज किया।

कटक के पुलिस उपायुक्त, पिनाक मिश्रा ने कहा, एक हजार से अधिक छात्र सेना कार्यालय के समक्ष अपनी शिकायतें दर्ज कराने के लिए एकत्र हुए हैं। उनमें से कुछ दूसरी जगह चले गए और नाराज हो गए। हालांकि, पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और स्थिति को नियंत्रित किया।

उन्होंने कहा, हमने कुछ छात्रों को हिरासत में लिया है। पूछताछ के बाद हम उन्हें रिहा कर देंगे। मिश्रा ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए शहर के विभिन्न स्थानों पर करीब पांच प्लाटून पुलिस बल तैनात किया गया है।

आंदोलनकारी उम्मीदवारों में से एक ने कहा कि वे पहले ही भारतीय सेना में फिजिकल फिटनेस और चिकित्सा परीक्षण के लिए क्वोलिफाइड कर चुका है। हालांकि, लिखित परीक्षा, जो कि अंतिम परीक्षा है, कई बार तारीखों की घोषणा के बावजूद आयोजित नहीं की गई है।

इसी बीच केंद्र ने इस अग्निपथ योजना की घोषणा की। उन्होंने कहा, हम सेना में शामिल होने के लिए अपने करियर के कई महत्वपूर्ण वर्ष पहले ही बिता चुके हैं। अब हमें कहां जाना चाहिए?

सेना के एक अन्य उम्मीदवार ने कहा, अगर कोई राजनेता विधायक या सांसद बनता है, तो वह पेंशन पाने का हकदार होता है। लेकिन, अगर हम अपनी मातृभूमि की सेवा के लिए सेना में शामिल होते हैं और अपने जीवन का बलिदान देते हैं फिर भी हमें इसका लाभ नहीं मिलेगा।

अग्निपथ योजना की घोषणा 14 जून को सेना, नौसेना और वायु सेना में चार साल की अवधि के लिए जवानों की भर्ती के लिए की गई थी, इसके बाद बिना ग्रैच्युटी और पेंशन लाभ के अधिकांश के लिए अनिवार्य सेवानिवृत्ति की घोषणा की गई थी।

नई नीति के तहत 25 फीसदी जवानों को उनकी परफोर्मेस के आधार पर स्थायी भर्ती का मौका मिलेगा।

–आईएएनएस

एसकेके/एएनएम

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