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प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाला: सीबीआई जांच के आदेश को चुनौती

Newsdesk Uttranews
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कोलकाता, 16 जून (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ द्वारा प्राथमिक शिक्षक भर्ती में अनियमितता घोटाले की सीबीआई जांच के आदेश को गुरुवार को एक खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी गई।

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न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय के आदेश के दो भाग हैं। 13 जून, 2022 को उनकी पीठ ने मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। हालांकि, आदेश की गंभीरता को देखते हुए, न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने सीबीआई को विशेष रूप से मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाने के लिए कहकर अपने पहले के आदेश को आगे बढ़ाया था।

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अब, गुरुवार दोपहर, पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई), जिसके अधिकारियों को इस तरह की अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, ने न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय द्वारा मामले में सीबीआई जांच के पूरे आदेश को चुनौती देते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार की खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया है।

डब्ल्यूबीबीपीई की चुनौती याचिका को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति तालुकदार की पीठ ने कहा कि मामले में पहली सुनवाई 20 जून को होगी। अपनी याचिका में डब्ल्यूबीबीपीई ने कहा है कि भर्ती प्रक्रिया बिल्कुल पारदर्शी थी और प्रक्रिया में कोई अनियमितता नहीं है।

13 जून को मामले में सीबीआई जांच का आदेश देते हुए, न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने 269 प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति को तत्काल रद्द करने का निर्देश दिया, जिन्होंने कथित तौर पर सभी मानदंडों का उल्लंघन करते हुए नौकरी हासिल की है। आरोप है कि इसमें कुछ उम्मीदवारों ने योग्यता के अनुसार निर्धारित अंक हासिल नहीं किए और कुछ तो प्रवेश परीक्षा के लिए उपस्थित तक नहीं हुए।

15 जून को मामले की जांच के लिए सीबीआई को एसआईटी गठित करने का आदेश देते हुए न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने यह भी कहा था कि जब तक इस मामले की जांच-पड़ताल चल रही है, तब तक उक्त एसआईटी के सदस्यों को कोई अन्य जांच कार्य आवंटित नहीं किया जा सकता है या यहां तक कि इस मामले में जांच प्रक्रिया पूरी होने तक उन्हें कहीं स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है।

न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने पिछले साल नवंबर से अब तक कई सीबीआई जांच के आदेश जारी किए हैं। हालांकि उन्होंेने इससे पहले सुनवाई के दौरान इन सभी मामलों में जांच की प्रगति पर निराशा व्यक्त की थी।

सीबीआई पहले से ही पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ स्कूल सर्विस कमीशन (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती अनियमितता घोटाले की जांच कर रही है और इस मामले में राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी से भी पूछताछ की गई है।

–आईएएनएस

एकेके/एएनएम

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