Verification: aeee5e56bc920c65
shishu-mandir

सुप्रीम कोर्ट ने नीट-पीजी में 1,456 खाली सीटों पर जताई नाराजगी

Newsdesk Uttranews
3 Min Read
Screenshot-5

e669a4534ebc4d1f88c8e82dba2cd703नई दिल्ली, 8 जून (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को नीट- पीजी 2021 में 1,456 खाली सीटों पर मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर छात्रों को दाखिला नहीं दिया गया, तो वह आदेश पारित करेगा और उन्हें मुआवजा भी देगा।

new-modern
gyan-vigyan

न्यायमूर्ति एम.आर. शाह और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने एमसीसी के वकील से कहा, भले ही एक भी कोर्स में सीट खाली रह गयी हो। यह देखना आपका कर्तव्य है कि वे खाली ना रहें।

पीठ यह जानकर नाराज हो गई कि 2021-22 सत्र में मेडिकल कॉलेजों में 1,456 सीटें खाली रह गई हैं। उन्होंने कहा कि एमसीसी और केंद्र छात्रों के लिए काउंसलिंग का मॉप अप राउंड आयोजित नहीं करके छात्रों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

एमसीसी के वकील ने कहा कि आदेश में इस मामले में व्यापक प्रभाव पड़ेगा और अदालत से अनुरोध किया कि वह मामले को समझाने के लिए उसे एक हलफनामा रिकॉर्ड में रखने की अनुमति दें।

शीर्ष अदालत ने कहा कि देश को डॉक्टरों और सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा पेशेवरों की जरूरत है और एमसीसी के वकील से कहा कि अगर छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जाता है, तो वह एक आदेश पारित करेगा और उन्हें मुआवजा भी देगा। शीर्ष अदालत ने संबंधित अधिकारियों को कल अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश दिया, जब वह मामले में आदेश पारित करेगी।

पीठ ने कहा, हम मुआवजे का भुगतान करने के आदेश पारित करेंगे। इस स्थिति के लिए कौन जिम्मेदार है? अपने अधिकारी को कल बुलाएं।

पीठ ने आगे कहा, हमें डॉक्टरों की जरूरत है। कोई कारगर व्यवस्था क्यों नहीं है? क्या आप छात्रों और अभिभावकों के तनाव के स्तर को जानते हैं?

पीठ ने एमसीसी के वकील को दिन के दौरान अपना हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दी और जोर दिया, ये छात्रों के अधिकारों से संबंधित बहुत महत्वपूर्ण मामले हैं।

अधिवक्ता कुणाल चीमा के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया, याचिकाकर्ता इस अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए विवश है, क्योंकि कीमती मेडिकल सीटें अधूरी / गलत तरीके से भरी जा रही हैं और योग्यता हताहत हो रही हैं।

याचिका में कहा गया है, चौथे दौर के बाद कई सीटों के खाली रहने की संभावना इसके बाद बताए गए कारणों से अपरिहार्य है और इसलिए याचिकाकर्ता उपयुक्त याचिका के लिए वर्तमान रिट याचिका दायर कर रहा है और निर्देश के लिए प्रार्थना कर रहा है कि वही राज्यों को वापस कर दिया जाए, ताकि मेधावी उम्मीदवारों को इसका लाभ उठाने का मौका मिले।

–आईएएनएस

एचके/एएनएम

Source link