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नयी दिल्ली , 6 जून (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने एक नवविवाहिता की आत्महत्या के मामले में सख्त रुख लेते हुए मृतका की सास और ननद की अग्रिम जमानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी।
जस्टिस एम आर शाह और जस्टिस अनिरूद्ध बोस की अवकाश पीठ ने कहा कि महिला की सास और ननद को उसकी रक्षा करनी चाहिए थी। खंडपीठ ने कहा कि नवविवाहिता के पति पर विवाहेत्तर संबंध का आरोप था और इस पृष्ठभूमि में तथा अन्य परिस्थितियों को देखते हुए अग्रिम जमानत याचिका खारिज की जाती है।
नवविवाहिता ने शादी से दो माह बाद ही गत मई में कीटनाशक खाकर आत्महत्या कर ली थी। नवविवाहिता के पिता ने शिकायत में कहा है कि उनकी बेटी ने उन्हें अपने पति के विवाहेत्तर संबंध और सास तथा ननद की प्रताड़ना के बारे में बताया था।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी अग्रिम जमानत याचिका ठुकरा दी थी जिसके बाद दोनों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
दोनों महिलाओं के वकील ने दलील थी कि उनके खिलाफ नवविवाहिता को प्रताड़ित करने का कोई आरोप नहीं है, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मृतका ने दोनों पर आरोप लगाये हैं।
खंडपीठ ने दोनों को एक सप्ताह के अंदर आत्मसमर्पण करने के लिए कहा है और उसके बाद जमानत याचिका दायर करने का निर्देश दिया है।
--आईएएनएस
एकेएस/एएनएम