हैदराबाद, 5 जून (आईएएनएस)। तेलंगाना के भाजपा विधायक एम. रघुनंदन राव ने हैदराबाद में एक कार में पांच आरोपियों द्वारा 17 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार की कथित तौर पर कुछ तस्वीरें और वीडियो जारी किए है, जिससे मामले में नया मोड़ आ गया है। दूसरी ओर पीड़ित की पहचान का खुलासा करने के लिए उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने भी विधायक की कार्रवाई पर सवाल उठाया और आरोप लगाया कि वह आरोपी को बचाने के लिए टीआरएस-एमआईएम के इशारे पर काम कर रहे हैं।
शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में, विधायक ने कुछ तस्वीरें और वीडियो जारी किए, जिसमें कथित तौर पर एक विधायक के बेटे को एक कार में पीड़िता के साथ अंतरंग स्थिति में दिखाया गया है।
विधायक ने अपनी कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने सबूत सार्वजनिक कर दिए हैं क्योंकि पुलिस एमआईएम विधायक के बेटे को क्लीन चिट देकर बचा रही है।
उन्होंने पुलिस के इस दावे का भी खंडन किया कि यौन उत्पीड़न इनोवा में हुआ था और आरोप लगाया कि वीडियो में लाल रंग की मर्सिडीज कार में यौन उत्पीड़न दिखाया गया है। उन्होंने तर्क दिया कि अगर विधायक का बेटा पीड़िता की सहमति से इस कार्य में शामिल था, तो यह यौन अपराधों से बच्चों की रोकथाम (पोक्सो) एक्ट के तहत नहीं होगा।
दुबक से राज्य विधान सभा के सदस्य और एक वकील रघुनंदन राव ने दावा किया कि उनके पास और सबूत हैं और अगर पुलिस कार्रवाई करने में विफल रहती है, तो वह उचित समय पर अदालत के सामने पेश करेंगे।
पुलिस द्वारा 28 मई को किशोरी के साथ सामूहिक बलात्कार में शामिल तीन किशोरों सहित पांच आरोपियों की पहचान करने की घोषणा के कुछ घंटे बाद उन्होंने तस्वीरें और वीडियो जारी किए।
पुलिस ने दो नाबालिगों समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और बाकी दो की तलाश की जा रही है।
पुलिस उपायुक्त जोएल डेविस ने कहा कि पीड़िता के बयान और एकत्र किए गए तकनीकी सबूत बताते हैं कि विधायक का बेटा अपराध में शामिल नहीं था। हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर बाद की जांच में कुछ सामने आता है तो वे दूसरों की भूमिका की जांच करेंगे।
भाजपा और कांग्रेस दोनों ने पिछले दो दिनों में कवर अप की कोशिश को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा ने दावा किया कि शुक्रवार को थाने में विरोध प्रदर्शन करने के बाद ही सरकार हरकत में आई।
हालांकि, बीजेपी विधायक टीआरएस, कांग्रेस और अन्य दलों द्वारा तस्वीरें और वीडियो जारी करने को लेकर निशाने पर आ गए हैं, जिसमें कहा गया है कि इससे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करते हुए पीड़िता की पहचान का पता चलता है।
–आईएएनएस
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