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राज्यपाल बोलीं, सत्य, प्रेम, शांति सेवा के लिए हुई गीता प्रेस की स्थापना

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ede53800772afaac6bec356b53f1793fलखनऊ, 4 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि आनंदीबेन पटेल ने कहा कि गीताप्रेस विशुद्ध आध्यात्मिक संस्था है। कहा कि सत्य, प्रेम, शांति के माध्यम से मानवता की सेवा करने के लिए गीता प्रेस की स्थापना हुई है।

गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष शुभारंभ समारोह के अवसर पर राज्यपाल आनंदी बेन कहा कि आदर्श मानव व आदर्श समाज की स्थापना का भाव ही इसके मूल में है। यहां से प्रकाशित धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक पुस्तकों ने लोगों में आत्म चिंतन व आत्म शक्ति का जागरण किया है। इस संस्था को विश्व में सर्वाधिक सनातन साहित्य के प्रकाशन का गौरव प्राप्त है। राज्यपाल ने कहा कि घर घर रामचरितमानस व श्रीमद्भागवत गीता पहुंचाने का श्रेय गीता प्रेस को ही जाता है। उन्होंने कहा कि जब उद्देश्य पवित्र होगा तो समस्याओं पर विजय प्राप्त होगी। गीताप्रेस इसका साक्षात उदाहरण है।

गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह के शुभारंभ पर आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धार्मिक, आध्यात्मिक व सांस्कृतिक साहित्य के माध्यम से गीता प्रेस देश की अपूर्व सेवा कर रहा है। साहित्य की सेवा कभी ना मिटने वाली सेवा है।

कहा कि गीता प्रेस दो शताब्दी वर्ष में प्रवेश करने के अवसर पर राष्ट्रपति का आगमन गौरवशाली क्षण है 1923 में 10 रुपये के किराए के भवन में जयदयाल गोयंदका जी ने जिस बीज का रोपण किया था आज वह वटवृक्ष बनकर देश दुनिया में घर-घर को धर्म संस्कार से जोड़कर देश सेवा का उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि गीता प्रेस से भाईजी हनुमान प्रसाद पोद्दार का जुड़ना, कल्याण का प्रकाशन शुरू होना एक अद्भुत कार्य था। उस वक्त में भी कल्याण को घर घर तक पहुंचाया गया, जब इतनी व्यवस्थाएं नहीं होती थीं।

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सीएम योगी ने कहा कि गीता प्रेस की पुस्तकों में 9 तो विज्ञापन होता है और ना ही व्याकरण की अशुद्धि। गीता तत्व विवेचनी में श्लोकों की विवेचना कैसी सहज हिंदी में की गई है इसे कोई भी आत्मसात कर सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में गीता प्रेस की स्थापना का शताब्दी वर्ष आयोजित होना और इससे जुड़ना गोरखपुर वासियों व पाठकों के लिए उल्लेखनीय होगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने गीता प्रेस से गोरक्ष पीठ के जुड़ाव का उल्लेख भी किया उन्होंने कहा कि 1955 में जब देश के प्रथम राष्ट्रपति गीता प्रेस के मुख्य द्वार वह लीला चित्र मंदिर का उद्घाटन करने आए थे तब उनके साथ मेरे दादा गुरु व तत्कालीन गोरक्ष पीठाधीश्वर ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ जी भी मौजूद थे आज राष्ट्रपति श्री गोविंद के आगमन पर यह सौभाग्य मुझे प्राप्त हो रहा है।

कार्यक्रम के प्रारंभ में गीता प्रेस ट्रस्ट के महासचिव विष्णु प्रसाद चांदगोठिया, ट्रस्टी देवीदयाल अग्रवाल, बैजनाथ अग्रवाल व अन्य ट्रस्टियों ने राष्ट्रपति, देश की प्रथम महिला नागरिक, राज्यपाल व मुख्यमंत्री को उत्तरीय व स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनका स्वागत किया। स्वागत संबोधन देवीदयाल अग्रवाल व संचालन गीता प्रेस में मैनेजर लालमणि तिवारी ने किया।

गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष शुभारंभ अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद व राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के समक्ष मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ ने दो ग्रंथों का विमोचन किया। इन दोनों ग्रंथों, तीन सौ रंगीन चित्रों के साथ आर्ट पेपर पर श्रीरामचरितमानस और गीता प्रेस के संस्थापक जयदयाल गोयंदका द्वारा रचित गीता तत्व विवेचनी का प्रकाशन शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में किया गया है। मुख्यमंत्री ने दोनों ग्रंथों की प्रथम प्रति राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेंट की।

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--आईएएनएस

विकेटी/एएनएम

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